खेत के चारों तरफ लगा दें ये पौधा, 5 साल बाद देगा कमाई, 10 पेड़ से बन जायेंगे लखपति

Tree plantation Benefits : Agriculture Tips : खेतों में पेड़ लगाकर भी किसान पैसे कमा सकते हैं। एक ऐसे पेड़ के बारे में बताते हैं, जो 5-6 साल में तैयार हो जाएगा। इसकी लकड़ी भी बहुत महंगी है। खास बात यह है कि ये सीधा उगता है, इसलिए धूप को रोकता नहीं है। कुल मिलाकर, यह सिर्फ लाभदायक है।
अब किसान पारंपरिक खेती के साथ अधिक पैसा कमाने के लिए नए-नए उपाय अपना रहे हैं। इनमें से एक खेत के किनारों पर पेड़ लगाना है। यद्यपि, सही किस्म के पेड़ों का चुनाव नहीं करने से कई बार अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है।
हजारीबाग के तरबा-खरबा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि किसान खेती के साथ-साथ अपने खेतों के आसपास भी पेड़ों को लगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। मालाबार नीम खेत की मेड़ के किनारे लगाया जा सकता है। मालाबार नीम पेड़ अच्छा मुनाफा देता है, उन्होंने कहा कि इस पौधे के लिए झारखंड की मिट्टी अनुकूल है। यह बहुत जल्दी बढ़ता है।
डॉ. अरविंद आगे बताते हैं कि खेतों के किनारे मालाबार नीम लगाकर किसान अपनी कमाई में इजाफा कर सकते हैं. यह पेड़ महज 5-6 साल में लकड़ी बेचने लायक हो जाता है, जबकि अन्य पेड़ को तैयार होने में 10-15 साल लगते हैं. आगे कहा कि झारखंड की मिट्टी और जलवायु मालाबार नीम के लिए अच्छी है। किसान इस पेड़ को खेतों के किनारों पर 10 फीट की दूरी पर लगा सकते हैं। इसकी शाखाएं अधिक नहीं फैलती हैं और इसका तना सीधा बढ़ता है, जिससे अधिक छाया फसल को नुकसान नहीं पहुंचाती।
डॉ. अरविंद ने बताया कि मालाबार नीम पांच से छह साल में 40-50 फीट तक ऊंचा हो सकता है। यह लकड़ी 600 से 800 रुपये प्रति क्विंटल बाजार में मिलती है। एक पेड़ से आसानी से दस से पंद्रह क्विंटल लकड़ी मिल सकती है। मालाबार नीम को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी किसानों को मदद करती है। किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत कम कीमत पर पौधे मिलते हैं। साथ ही, इसकी कटाई और बिक्री के लिए सरकारी अनुमति प्राप्त करना बहुत आसान है।
डॉ. अरविंद आगे बताते हैं कि मालाबार नीम किसानों के लिए एक बेहतरीन निवेश साबित हो सकता है. यह तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है. इसकी लकड़ी की मांग प्लाई, फर्नीचर और पेपर इंडस्ट्री में लगातार रहती है. इसलिए, किसान यदि सही योजना और वैज्ञानिक पद्धति से इसकी खेती करें, तो पारंपरिक खेती के साथ अतिरिक्त आय का एक स्थायी स्रोत बना सकते हैं.