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उत्तर प्रदेश वालों को प्रोपर्टी नाम करवाने के लिए देनी होगी इतनी स्टांप ड्यूटी, सरकार द्वारा बड़ा फैसल

Property Transfer: उत्तर-प्रदेश में योगी सरकार (yogi government) ने एक बार फिर से 5 हजार रुपये के स्टांप पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की सुविधा देने का फैसला किया है। अब करोड़ों रुपयों की प्रॉपर्टी की भी सिर्फ 5 हजार के स्टांप पर रजिस्ट्री हो सकेगी। हालांकि यह सुविधा प्रॉपर्टी को अपने ही किसी परिवार के सदस्य
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People of Uttar Pradesh will have to pay this much stamp duty to get their property named, a big decision by the government.

UP : अगर आप उत्तर-प्रदेश में रहते हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। योगी सरकार ने प्रॉपर्टी ट्रांसफर (UP Property Transfer) के मामले में लोगों को बड़ी सौगात दी है। स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश ने अर्जित अचल संपत्ति को रक्त संबंधियों के नाम करने पर मात्र 5,000 रुपये का स्टांप शुल्क अदायगी की अधिसूचना जारी कर दी है।

विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 18 जून 2022 से यह नियम प्रदेश भर में प्रभावी हो गया है। यह योजना आगामी 6 माह के लिए प्रभावी रहेगी। बता दें कि राज्य सरकार ने संपत्ति उपहार में देने के लिए अधिकतम स्टांप शुल्क 5,000 रुपये तय किया है। पहले, स्टांप शुल्क शहर में संपत्तियों की लागत का 5 फीसदी और राज्य के अन्य हिस्सों में संपत्तियों की लागत का 7 फीसदी था।

प्रमुख सचिव लीना जौहरी द्वारा 3 अगस्त को जारी अधिसूचना में इसकी जानकारी दी है। इसके मुताबिक, ऐसे गिफ्ट विलेख, जिसके तहत दाता अचल संपत्ति को परिवार के सदस्यों, जैसे बेटे, बेटी, पिता, मां, पति, पत्नी, बहू को ट्रांसफर करता है। सगा भाई (सगे भाई की मृत्यु की स्थिति में उसकी पत्नी), सगी बहन, दामाद, पुत्र/पुत्री का पुत्र/पुत्री, अधिकतम स्टांप शुल्क 5,000 रुपये होगा।

ये संपत्तियां रहेंगी शामिल

अधिसूचना में केवल एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को उपहार में दी गई आवासीय या कृषि संपत्तियां शामिल हैं। इसका विस्तार किसी फर्म, कंपनी, ट्रस्ट या संस्थान के दाता या प्राप्तकर्ता तक नहीं होगा। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को संपत्ति उपहार के रूप में मिलती है, तो अधिसूचना उन्हें कवर नहीं करेगी। अगर वे संपत्ति पंजीकरण की तारीख से 5 साल बीत जाने तक संपत्ति किसी और को उपहार में देते हैं। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 9 की उपधारा (1) के खंड (ए) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल ने अगले आदेश तक स्टांप शुल्क तय किया है।

पिछले साल शुरू की थी योजना

स्टांप एवं रजिस्ट्री के सहायक महानिरीक्षक बीएस वर्मा के मुताबिक, सरकार ने जून 2022 में 6 महीने के लिए यह योजना शुरू की थी। “यह योजना दिसंबर 2022 में खत्म हो गई थी। लेकिन इस बार अधिसूचना अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। इससे कई लोगों को मदद मिलेगी जो परिवार के सदस्यों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना या गिफ्ट देना चाहते हैं। पहले, 1 करोड़ रुपये के फ्लैट या प्रॉपर्टी को ट्रांसफर करने के लिए स्टांप शुल्क 5 लाख रुपये होता था, लेकिन अब यह कम होकर सिर्फ 5 हजार रुपये हो गया है।

सब्सिडी देने का फैसला

स्टांप एवं रजिस्ट्री के सहायक महानिरीक्षक बीएस वर्मा के मुताबिक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों फ्लैटों के पंजीकरण में तेजी लाने के लिए, पिछले हफ्ते लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। जहां अधिकारियों ने फ्लैटों के पंजीकरण की सुविधा के लिए लंबित बकाया के खिलाफ डेवलपर्स को सब्सिडी देने का फैसला किया है। हालांकि, स्टांप और रजिस्ट्री विभाग को अभी तक इस आशय का कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है।

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