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बिहार में ग्रामीण इलाकों के लोगों को मिलेगा रोजगार, सरकार की हर योजना का होगा लाभ

Bihar News :बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के एक-दो किलोमीटर के दायरे में बसे 300 से अधिक गांवों के डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। वीटीआर के करीब 150 वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के ज्यादातर गांव ऐसे हैं, जो जंगल से सटे हैं। वहीं, इको जोन में 300 से अधिक गांवों को चिन्हित किया गया है। 

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बिहार में ग्रामीण इलाकों के लोगों को मिलेगा रोजगार, सरकार की हर योजना का होगा लाभ

Bihar News : बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के एक-दो किलोमीटर के दायरे में बसे 300 से अधिक गांवों के डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। पहले चरण में 150 गांवों के करीब 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्हें मधुमक्खी पालन, मोमबत्ती बनाने और अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

वन विभाग का लक्ष्य आने वाले तीन वर्षों में एक लाख से अधिक ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराना है। वीटीआर प्रशासन जिला पदाधिकारी से मिलकर ग्रामीणों को रोजगार दिलाने में मदद करेगा। इसके साथ ही वीटीआर, गया, सासाराम, कैमूर, नवादा समेत राज्य के विभिन्न जंगलों में रहने वाले लोगों को रोजगार और हर सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर कमेटी बनाई जा रही है।

वीटीआर के लोगों को स्वरोजगार मिलेगा

वीटीआर के करीब 150 वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के ज्यादातर गांव ऐसे हैं, जो जंगल से सटे हैं। वहीं, इको जोन में 300 से अधिक गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों में इको डेवलपमेंट की गतिविधियां तेजी से शुरू की गई हैं। वीटीआर के आसपास के गांवों के लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कंप्यूटर, दिहाड़ी मजदूरी, वाहन संचालन, पशुपालन आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पहली बार बड़े पैमाने पर रोजगार देने की योजना बन रही 

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में रहने वाले ग्रामीणों को रोजगार दिया जाएगा। मधुमक्खी पालन, मोमबत्ती और अगरबत्ती निर्माण का बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा नवादा, गया, कैमूर समेत विभिन्न जंगलों में स्थित गांवों में लघु उद्योग स्थापित किए जाएंगे। पहली बार बड़े पैमाने पर रोजगार देने की योजना बन रही है।

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