उत्तर प्रदेश में 12 मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर पार्किंग प्रतिबंधित, कई सुविधा देने की तैयारी
UP News : उत्तर प्रदेश के शहरों को जाम मुक्त करने के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने वाली है। प्रदेश की जनता को जाम से निजात दिलाने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अब नगर विकास विभाग ने नई पार्किंग नीति बनाकर उनके सामने प्रस्तुत की है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में 12 मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर अब पार्किंग का ठेका प्रबंध कर दिया गया है. प्रदेश के शहरों को जाम से निजात दिलाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके साथ-साथ दिव्यांगों के लिए खास ख्याल रखा गया है. पार्किंग स्थलों में दिव्यांगों के लिए अलग पार्किंग की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। समय के साथ तेजी से बदल रही व्यवस्था को मध्यनजर रखते हुए पार्किंग स्थलों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग की खास सुविधा प्रदान की जाएगी। नगर विकास विभाग की तरफ से नई पार्किंग नीति तैयार कर ली गई है। कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सभी निकायों में इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा।
स्ट्रीट पार्किंग की मिलेगी सुविधा
नगर विकास विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार अब शहरों में 12 मीटर या इससे ज्यादा चौड़ी सड़कों पर स्ट्रीट पार्किंग के ठेके वितरित किए जाएंगे. विभाग की तरफ से ठेके देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कितने स्थान पर ठेके दिए जा सकते हैं. इसके अलावा लोगों को ओवर ब्रिज के नीचे भी पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. पार्किंग के लिए अलग-अलग चार्ज वसूल किया जाएगा. पार्किंग में शुल्क घंटों के हिसाब से लिया जाएगा।
चार प्रकार के पार्किंग स्थल
अब चार अलग-अलग प्रकार के पार्किंग स्थल शहर में बनाए जाएंगे। सड़क के किनारे फुटपाथ पर पार्किंग की सुविधा होगी। साथ ही, खुले स्थानों पर पार्किंग के लिए ठेके भी दिए जाएंगे, जिससे कई गाड़ी एक साथ खड़ी हो सकें। ओवर ब्रिज के नीचे खाली जगह भी पार्किंग के लिए उपलब्ध होगी। मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा को और अधिक सुधार दिया जाएगा। नगर विकास विभाग का मानना है कि खुले स्थल और मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधाओं का निर्माण और कम चौड़ी सड़कों पर ठेके का प्रतिबंध लगाने से शहरों में जाम की समस्या लगभग दूर हो जाएगी।
स्मार्ट सॉल्यूशंस के अलावा फास्टैग व ऑनलाइन पैसे देने की सुविधा
पार्किंग क्षेत्रों में टेंडर प्रक्रिया में स्मार्ट सॉल्यूशंस की आवश्यकता होगी। इसमें पार्किंग स्थल पर फास्टैग और अन्य भुगतान गेटवे शामिल होंगे। साथ ही यूपीआई, पेटीएम और हैंडहेल्ड पीओएस उपकरणों से पैसे लेने की सुविधा मिलेगी। साथ ही पार्किंग क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही पार्किंग सेंसर कैमरा होगा। कर्मचारियों के लिए पार्किंग कार्ड की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
मोबाइल फोन पर मिलेगी पार्किंग की जानकारी
लोगों को शहरों में कितने पार्किंग स्थल हैं, इसकी जानकारी भी मोबाइल फोन पर मिलेगी। नगर विकास विभाग मोबाइल ऐप बनाएगा। निकाय अधिकारी सभी पार्किंग स्थलों पर सीधी नजर रखेंगे, जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा। लोगों की सुविधाओं के लिए स्वचालित टिकट डिस्पेंसर भी होंगे। एप भी लोगों को पार्किंग स्थानों की सूचना देगा। शहरों में लोगों को बेहतर पार्किंग सुविधाएं देने के लिए भी पार्किंग प्रबंधन समिति बनाई जाएगी। विकास प्राधिकरण, यातायात पुलिस, एडीएम, परिवहन, लोक निर्माण, टाउन प्लानर और एक विशेषज्ञ इसमें शामिल होंगे। इसमें सहायक अभियंता सदस्य सचिव होगा। इनकी सुझावों पर पार्किंग स्थल बनेंगे।