home page

Bihar के इस इस जिले में बंजर पड़ी 22 हजार हेक्टेयर जमीन को सरकार बनाएगी उपजाऊ, शुरू होगी खस की खेती

Bihar News : बिहार में जिन किसानों की जमीन पड़ी है बंजर उनकी होगी चांदी, सरकार किसानों को कर देगी मालामाल, बंजर भूमि के लिए की सरकार बना रही यह खास प्लान

 | 
Bihar के इस इस जिले में बंजर पड़ी 22 हजार हेक्टेयर जमीन को सरकार बनाएगी उपजाऊ, शुरू होगी खस की खेती

Barren Land katihar : बिहार सरकार की तरफ से अनु के लिए आई गुड न्यूज़, सरकार किसानों की बंजर भूमि के लिए लेकर आ रही है खास प्लान, जैसी होगी किसानों की आये दो गुना। बिहार सरकार द्वारा जिले में पड़ी खाली जमीन जो बंजर भूमि है उसे उपजाऊ बनाने का प्लान तैयार किया जा रहा है। बिहार के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले का क्षेत्र 291349 हेक्टेयर है। इसमें से 134032 हेक्टेयर जमीन खेती करने के योग्य है। और 22289 हेक्टेयर जमीन बेकार खाली पड़ी है।

बिहार सरकार इस भूमि को उपजाऊ बनाकर  करेगी अफीम की खेती। इस खेती के लिए विवाह को प्रस्ताव भेजने की तैयारी जोरों सवारों पर चल रही है। अफीम की खेती को बेहतर बनाने के लिए एक टीम को प्रशिक्षण हेतु केंद्रीय औषधि संगठन पौधा संस्थान केंद्र लखनऊ भेजा जाएगा। यह टीम प्रशिक्षण लेकर आगे किसानो की मदद करेगी। टीम द्वारा अफीम की खेती करने का तरीका और जड़ से उत्पादित तेल निकलने तक कॉपर शिक्षक लिया जाएगा। विभाग द्वारा वहां से अफीम की जड़ को लाकर नर्सरी में तैयार कर किसानों को बंजर पड़ी भूमि पर उगाने के लिए दिया जाएगा।

अफीम की फसल खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, बलुआ जमीन व जलजमाव क्षेत्र की बेकार जमीन पर होगी। इस खस-खस फसल की खास बात यह है कि इसका जड़ बाढ़ कटाव को रोकने में काफी मददगार होगा। इसके जड़ का फैलाव व पकड़ काफी अंदर तक होती है। अफीम की खेती से 18 महीने  के बाद इसके जड़ से खस-खस का तेल निकाला जाता है।

क्या कहते उप परियोजना निदेशक?

परियोजना के उप निदेशक एसेक झा ने बताया कि अफीम से उत्पादित तेल की कीमत 20 से 25 हजार रुपए प्रति किलो है। अफीम के तेल का 15 से अधिक प्रकार के आयुर्वेदिक, यूनानी आदि दवा बनाने में प्रयोग करने के साथ सुगंधित तेल, इत्र सहित विभिन्न प्रकार के शर्बत के फ्लेवर सहित अन्य सामग्री बनाने में उपयोग होता है।

अफीम की फसल एक बार उगाने के बाद कई साल तक तेल की पैदावार ली जा सकती है। इसकी जड़ को उबाल कर तकनीक माध्यम से तेल निकाला जाता है। इसकी खेती से जिले को एक अलग पहचान होने के साथ किसान भी आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

Latest News

Featured

You May Like