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उत्तर प्रदेश में हाईवे और रिंग रोड किनारे बन रही नई टाउनशिप के निर्माण पर 700 किसानों ने दर्ज करवाई आपत्ति

हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित नई टाउनशिप के खिलाफ किसानों का विरोध शुरू हो गया है। नए परियोजना के तहत नोटिस प्राप्त होने के बाद, अधिक जानें 
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700 farmers lodged objection to the construction of new township being built along the highway and ring road in Uttar Pradesh.

Varanasi News हाईवे और रिंग रोड के किनारे प्रस्तावित नई टाउनशिप के खिलाफ किसानों का विरोध शुरू हो गया है। नए परियोजना के तहत नोटिस प्राप्त होने के बाद, किसानों ने भेलूपुर में स्थित आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में जाकर अपनी आपत्ति जतानी शुरू की है।

किसानों का कहना है कि उनके पास अब तक जीविकोपार्जन के लिए कोई साधन नहीं है। अगर उनकी जमीन अधिग्रहण की जाएगी तो उनके पास विकल्प कहां रहेगा? उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य खेती से जीवन यापन करते हैं और यह केवल उनके जीविकोपार्जन का साधन नहीं है, बल्कि उनकी आत्मीयता का हिस्सा भी है।

वर्तमान में आवास विकास परिषद में करीब 700 किसानों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इनमें कई किसान तो तैयार हैं अपनी जमीन उपलब्ध कराने के लिए, लेकिन उन्हें मुआवजा राशि सार्वजनिक नहीं की गई है। ऐसे में उनकी आपत्ति उस बिना मुआवजा के निर्देश पर है।

नई टाउनशिप की योजना और किसानों की चिंताएँ

शासन के निर्देश के अनुसार, आवास विकास परिषद और वाराणसी विकास प्राधिकरण मिलकर हाईवे और रिंग रोड के किनारे पांच नई टाउनशिप बसाने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत 1129 खातेदारों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

किसानों ने बताया कि रिंग रोड फेज-दो के आसपास के क्षेत्र में आवास विकास परिषद ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मिलने के बाद किसानों में बड़ी चिंता और उत्सुकता बढ़ गई है।

नोटिस के खिलाफ किसानों की चिंता

किसान धर्मेंद्र कुमार सिंह, बलवंत सिंह, सुरेंद्र नारायन सिंह, विजय सिंह, सतीश दुबे, महेंद्र यादव प्रधान, अमित सिंह प्रधान, राकेश सिंह प्रधान, संतोष सिंह ने बताया कि आवास विकास परिषद जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन उन्हें नई टाउनशिप के तहत जमीन देने का कोई तय किया नहीं जा रहा है। उन्हें नये रेट में जमीन का अधिग्रहण होगा तो इसके किये कोई प्रक्रिया बताई नहीं जा रही है।

इस परिस्थिति में, अगर किसानों की जमीन जबर्दस्ती अधिग्रहण की जाती है, तो वे कोर्ट जाने का विकल्प चुन सकते हैं। किसानों की आपत्ति समझने के बावजूद, नयी टाउनशिप के विकास की योजना आगे बढ़ रही है, जिससे किसानों की चिंताएँ बढ़ सकती है।

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