अब इन लोगों को मिलेगा जमीन और मकान का मालिकाना हक, यह है योजना
Prime Minister Ownership Scheme : देश की लगभग आधी से अधिक जनसंख्या गांवों में रहती है। केंद्र सरकार भी ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों की तरह आधुनिक करने और सुविधाओं से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार भी हर दिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाओं को लागू करती है। केंद्र सरकार ने इसलिए “PM स्वामित्व योजना” लागू की है।
दरअसल, बहुत से गांव आज भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां किसानों और लोगों के पास जमीन और घरों का मालिकाना हक नहीं है। साथ ही, मालिकाना हक साबित करने के लिए कोई सरकारी दस्तावेज भी नहीं है। ऐसे में पीएम स्वामित्व योजना, जो केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, गांवों में रहने वाले लोगों को घर और जमीन पर मालिकाना हक देगी, और किसी अन्य व्यक्ति का जमीन पर गैरकानूनी कब्जा होने का भी डर नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना क्या है?
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना शुरू की। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण गांवों में रहने वाले लोगों की संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड रखना है। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण किसान परिवारों की जमीनों का ऑन रिकॉर्ड देखा जाएगा। इस योजना का उद्देश्य सही मालिकों को जमीन का मालिकाना हक देना, जमीनी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और विवादों के निपटारे के लिए डिजिटल समझौता करना है।
मालिकों को माल कार्ड
गांव में रहने वाले लोगों की जमीन का कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देखते हुए PM स्वामित्व योजना शुरू की। 2020–2021 के दौरान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब और राजस्थान में इस योजना का पायलट चरण लागू किया गया था। 2024 तक देश के हर गांव में इसे पहुंचाने का लक्ष्य है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य मालिकों के अधिकारों के रिकॉर्ड के लिए संपत्ति कार्ड प्रदान करना है, जो अतंर्गत गांव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जमीन को मैपिंग ड्रोन द्वारा बनाया जाता है।
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मार्च 2023 तक, इस योजना के तहत 2.39 लाख गांवों में ड्रोन द्वारा जमीन का सर्वेक्षण किया गया था, जो 3.72 लाख गांवों के कुल लक्ष्य का 63 प्रतिशत है। ड्रोन द्वारा संपत्तियों के सर्वेक्षण केंद्र शासित राज्य दिल्ली, दादरा नगर हवेली, दमन, दीव, लक्षद्वीप और मध्य प्रदेश राज्यों में कार्यरत है। अब हरियाणा, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा और उत्तराखंड के लोगों के संपत्ति कार्ड बनाए गए हैं। साथ ही, राज्यों और सर्वे ऑफ इंडिया के बीच समन्वय से करीब 74,000 गांवों का सर्वे भी किया गया है। 1.224 करोड़ से अधिक जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड बनाकर दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री स्वामित्व कार्यक्रम के लाभ
वर्ष 2024 तक देश के हर गांव में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना पहुंचाने का लक्ष्य है। इस योजना का उद्देश्य जमीन को मुद्रीकरण करने की प्रक्रिया को आसान और आसान बनाना है।
योजना में कई पहलू शामिल हैं, जिनमें बैंक ऋणों को सक्षम बनाना, संपत्ति विवादों को कम करना और व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल है।
पंचायती राज का सामाजिक-आर्थिक ढांचा बढ़ाया जाएगा, जिससे वे स्वतंत्र हो जाएंगे।
इस योजना में ड्रोन का उपयोग करके गांव और खेत की जमीन का मैपिंग किया जाता है।
योजना का सर्वेक्षण कई चरणों में किया जाता है।
GPS ड्रोन की सहायता से जमीन और घर का सर्वे किया जाता है।
इस सर्वे में ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर की जियो टैगिंग की जाती है, जिससे हर घर का क्षेत्रफल बताया जाता है।
इस सूची के आधार पर प्रत्येक घर को एक अलग आईडी के लिए संपत्ति कार्ड मालिकों को दिया जाता है।
इस प्रक्रिया के माध्यम से जमीन जायदाद का विवाद कम होगा। साथ ही भूमि सत्यापन प्रक्रिया तेज होगी।
पहले गांव के लोगों के पास जमीन और मकानों का मालिकाना हक के बारे में कोई लिखित दस्तावेज नहीं था। लेकिन अब इस योजना के तहत गांव में रहने वाले लोगों को लिखित कागजात मिलेंगे।
ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले किसानों को लोन भी मिलेगा।
PM स्वामित्व योजना आवश्यक कागज
स्वामित्व योजना में ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया: इच्छुक संपत्ति मालिक का आधार कार्ड, किराये की रसीद, पासपोर्ट साइज, फोटो पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, NOC (फायर)
स्वामित्व योजना में आवेदन करने के लिए इच्छुक मालिकों को पहले gram swaraj-gov-in नामक पंचायती राज मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
आधिकारिक वेबसाइट पर पहुंचने के बाद, योजना के होम पेज पर 'नया यूजर पंजीकृत करना' ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद योजना के लिए आवेदन करने के लिए एक फार्म खोला जाएगा।
प्रॉपटी धारक को इस फॉर्म में आवश्यक मूल जानकारी (नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी सहित) दर्ज करना होगा।
सभी विवरणों को चेक करके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर या मेल आईडी पर रजिस्ट्रेशन संख्या के साथ एक रसीद मैसेज के माध्यम से इसके बाद प्राप्त होगा।
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