शहर में अब गाय पालने पर 500 और भैंस के लिए 1000 रुपए लगेगी सालाना लाइसेंस फीस
Uttar Pradesh : अब गाय-भैंस पालने वाले लोगों को लाइसेंस लेना जरूरी होगा। पहले शहरों में गाय भैंस पालने को लेकर सरकार द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। लेकिन 2017 में इसे लेकर सरकार ने कुछ नियम बनाए थे। इसके बाद से सरकार इनमें लगातार परिवर्तन करती रही है। इस बीच, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में गाय-भैंस पालने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होगा। इसको लेकर नगर निगम पूरी तरह से तैयार है।
इसके अंतर्गत दो या अधिक गाय-भैंस रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। लोगों को गाय के लिए पांच सौ रुपये और भैंस के लिए एक हजार रुपये का लाइसेंस शुल्क देना होगा। जिसके बाद हर साल इसे बदलना अनिवार्य होगा। जिन लोगों के पास दो या दो से कम पशु हैं, उनके पशुओं को डेयरी की लिस्ट में नहीं माना जाएगा। प्रशासन द्वारा बहुत ही जल्द इस बारे में सूचना दी जाएगी। इसके पश्चात, यह कानून सख्ती से लागू किया जाएगा।
लाइसेंस लेते समय, इन बातों का रखना होगा ध्यान
पशुपालक को पशुओं का लाइसेंस लेने के लिए निर्देशों को जारी किया गया है, जिसमें पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना अनिवार्य होगा। अधिकारियों द्वारा पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही पशुपालकों को लाइसेंस मिलेगा। पशुपालकों द्वारा हर एक पशु के लिए आठ वर्ग मीटर का खुला स्थान, ठंड, धूप और बारिश से बचने के साथ ही खाने-पीने के लिए उचित व्यवस्था बनाया होना जरुरी है। पशुशाला से गोबर और अन्य कचरा कम से कम सात मीटर दूर रखना भी जरुरी है। डेयरी के अंदर बनाया गया फर्श भी पक्का होना चाहिए।
यह सब करने के बाद पशुपालकों को हर साल अप्रैल के महीने में पशु पालन का लाइसेंस लेना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन द्वारा दंड का प्रावधान लगाया गया है। इसके अलावा, अगर पशुपालकों के द्वारा लाइसेंस देरी से लिया जाएगा तो उनसे भी ज्यादा शुल्क वसूला जाएगा। इसके बारे में प्रशासन द्वारा सख्त आदेश दिए गए हैं कि जो भी पशुपालक इन नियमों को नहीं मानने पर अवैध डेयरी संचालक को पहली बारी में एक हजार रुपये और दूसरी बारी में दो हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, अवैध डेयरी पर अधिकतम 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
पशुपालकों को दिया जाएगा, एक टोकन
पशुपालकों को लाइसेंस लेने पर निगम द्वारा एक टोकन दिया जाएगा। इसे पशु की गर्दन पर बांधना होगा, ताकि साफ दिखाई दे सके। टोकन से भैंस और गाय के मालिक का पता चलेगा। पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं को सार्वजनिक स्थानों, जैसे पार्क, सड़क और गली में खुले नहीं छोड़ा जाएगा।