NHAI Rule : टोल प्लाजा पर कितने सेकंड बाद नहीं लगता पैसा, NHAI ने बताई गाइडलाइन
NHAI Rule : वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना। दरअसल, आपको यह जानकर खुशी होगी कि NHAI ने टोल प्लाजा से संबंधित एक बड़ा आदेश वापस ले लिया है। अब सवाल यह है कि क्या टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक देरी होने पर टैक्स देना पड़ेगा या नहीं... चलिए, इस खबर में जानते हैं-

Saral Kisan, NHAI Rule : टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक समय या 100 मीटर से लंबी कतार होने पर टोल टैक्स न देने का नियम अब समाप्त हो गया है। पहले, कई वीडियो वायरल हुए थे जिनमें चालक इस नियम को लेकर टोल कर्मियों से बहस करते हुए दिखाई दे रहे थे। अब नए नियम के अनुसार, आपको निर्धारित समय के बाद भी टोल टैक्स का भुगतान करना होगा, चाहे टोल प्लाजा पर कितनी भी देरी हो या कतार कितनी लंबी हो।
एनएचएआई (NHAI) ने 2021 में एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत यदि टोल प्लाजा पर गाड़ियों की कतार 100 मीटर से अधिक होती थी, तो टोल टैक्स में छूट मिलती थी। हालांकि, अब एनएचएआई ने इस नियम में बदलाव करते हुए 100 मीटर की कतार वाली छूट को समाप्त कर दिया है। इसका मतलब है कि अब गाड़ियों की लंबी कतार होने पर भी टोल का भुगतान करना होगा।
फ्री फ्लो पॉलिसी समाप्त-
एनएचएआई (NHAI) ने एक सर्कुलर जारी कर फ्री-फ्लो पॉलिसी को समाप्त कर दिया है। अब टोल प्लाजा पर सभी को टोल टैक्स देना होगा, चाहे उन्हें कतार में कितनी भी देर लगे। पहले 10 सेकंड का नियम केवल 2021 में बने टोल प्लाजा पर लागू था, जिससे लोगों में काफी भ्रम और झगड़े होते थे। इस नए निर्णय का उद्देश्य इसी भ्रम को दूर करना है।
किसे मिलती है टोल में छूट?
किसी भी हाइवे (Highway) से गुजरते समय जो भी टोल प्लाजा आता है, उस पर आम जनता को हर हाल में अपना टैक्स (tax) देना होता है। इसको लेकर कई भ्रम थे, जो अब NHAI ने स्पष्ट कर दिए हैं। आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि भारत में कुछ लोग हैं जिन्हें कभी भी टोल टैक्स (toll tax) नहीं देना होता है। इस सूची में भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री (PM), सभी राज्यों के राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट (supreme court)NHAI,NHAI RULES,NHAI Rule Change,टोल टैक्स ,फ्री फ्लो पॉलिसी खत्म,Highway,supreme couRT के मुख्य न्यायाधीश और अन्य जज, लोकसभा अध्यक्ष, कई कैबिनेट मंत्री (cabinet minister), सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हैं, जिन्हें टैक्स में छूट मिलती है।