उत्तर प्रदेश में वाहनों पर टैक्स वसूली की नई व्यवस्था होगी लागू, 15 से 25 फीसदी बढ़ेगा टैक्स
UP News : उत्तर प्रदेश में कामर्शियल वाहनों को लेकर बाद अपडेट सामने आया। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कमर्शियल वाहनों को लेकर मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान को अंतिम रूप देने के लिए दो दिन विभाग के अफसर मीटिंग करेंगे।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में कामर्शियल वाहनों के टैक्स को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश में कानपुर मंडल के अलावा प्रदेश में चलने वाले कमर्शियल व्हीकल के टेक्स को लेकर परिवहन विभाग ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। परिवहन विभाग के अफसर मंगलवार और बुधवार इस काम को लेकर मंथन करेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाएगा। शासन इस प्रस्ताव पर मंथन करके कैबिनेट में इसे पेश करके मुहर लगाने का काम करेगी।
नई व्यवस्था के तहत होगा टैक्स
कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद प्रदेश में सितंबर तक नई व्यवस्था के तहत एकमुश्त टैक्स लिया जाएगा। नई व्यवस्था से टैक्स प्रणाली सबसे पहले ई-रिक्शा, आटो, टेंपो, 7.5 टन भार लादने वाले वहान, जेसीबी, क्रेन, मैक्सी कैब, टैक्सी पर लागू होगा।
टैक्स में होगी 15 से 25 % तक टैक्स बढ़ोतरी
परिवहन विभाग की तरफ से कहा गया है की पिछले 13 सालों से प्रदेश में टैक्स में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। परिवहन विभाग के द्वारा लाई गई टैक्स की नई व्यवस्था से टैक्स में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
बस, ट्रकों पर बाद में फैसला
उत्तर प्रदेश में नई व्यवस्था से एकमुश्त टैक्स लेने की प्रस्ताव में बस बैठकों को अलग रखा गया है। बता दें कि बस और ट्रैकों टैक्स के तौर पर 8 से लेकर ₹10000 हर महीने आता है। इस व्यवस्था से एकमुश्त टैक्स लेने पर यह रकम बहुत बड़ी होती है। इसी कारण से इन वाहनों पर अभी यह व्यवस्था नहीं लागू होगी।
इस महीने लागू होगा संशोधित टैक्स
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की तरफ से जो प्रस्ताव लाया गया है वह सितंबर महीने तक लागू होने की संभावना है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगले महीने इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाएगा। प्रदेश की कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए करीब 3 महीने का समय लग जाएगा।
बकायेदारी समस्या होगी खत्म
उत्तर प्रदेश में अब तक अरबों रुपये की टैक्स बकायेदारी कमर्शियल वाहनों की बाकी हैं। नई व्यवस्था से एकमुश्त टैक्स लेने से बकायेदारी की वसूली की समस्या का हल होगा। आने वाले समय में टैक्स बकायेदारी की समस्या खत्म हो जाएगी।