MP में 4 जिलों से गुजरेगी नई रेल लाइन की पटरियां, 5 से 8 साल में ट्रैक बनकर होगा तैयार
MP News : इंदौर और मुंबई रूट पर चलने वाले ट्रेने दाहोद, बड़ौदा होकर जाती है। लेकिन अब इंदौर से मुंबई की इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के बाद सिर्फ 568 किलोमीटर ही रह जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश के तीन प्रमुख आदिवासी जिले के लोग पहली बार अपने इलाके में ट्रेन देख सकेंगे।

Indore Manmad Railway Line : मध्यप्रदेश का निमाड़ क्षेत्र जल्द ही विकास की रफ्तार पकड़ेगा। निमाड़ क्षेत्र के विकास में रफ्तार देने वाली इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना का काम जल्दी ही जमीन पर दिखने लगेगा। इस परियोजना के लिए रेल विभाग ने 267 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए मंजूर किए है। इंदौर, महू के अलावा अन्य जिलों के किसानों को प्रोजेक्ट में ली जा रही जमीन के बदले मुआवजा दिया जाएगा।
इंदौर से मुंबई जाने वाली ट्रेनों को 840 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। लेकिन लेकिन इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना के बाद यह दूरी 568 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे 8 घंटे में मुंबई पहुंचा जा सकेगा।
सरकार ने भू अर्जन अधिकारी तीन माह पहले ही नियुक्त कर दिए थे। मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी जिले में नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे स्टेशन भी बनेंगे। इस परियोजना में चारों जिलों के 77 गांवों की जमीन आ रही है। जिसे रेल विभाग को अधिग्रहित करना है। इसमें महू के 18 गांव भी शामिल है।
77 गांवों से होकर गुजरेगी
इंदौर-मनमाड़ परियोजना के लिए इस बार बजट में 267।50 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। इससे प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। मप्र के तीन जिलों के 77 गांव से होकर रेल लाइन गुजरेगी। इस साल रेलवे ने इंदौर जिले की महू तहसील के 18 गांवो की सूची जारी की थी जहां भूमि अधिग्रहण किया जाएगा।
इंदौर से मुबंई की घटेगी दूरी
इंदौर से मुबंई रुट पर जो ट्रेन जाती है। वह दाहोद, बड़ौदा होकर जाती है। इस कारण इंदौर से मुबंई की दूरी 840 किलोमीटर है लेकिन इंदौर मनमाड़ रेल परियोजना के बाद दूरी 568 किलोमीटर रह जाएगी। इस परियोजना से सबसे ज्यादा फायदा निमाड़ को होगा। निमाड़ का हिस्सा रेल परियोजना से जुड़ जाएगा। खरगोन, सेंधवा, बड़वानी जैसे जिले रेल संपर्क से जुड़ेंगे।
महाराष्ट्र चुनाव से पहले रेल्वे बोर्ड की तरफ से बचे काम के लिए बजट मंजूर कर दिया गया था। इस परियोजना में विंध्याचल पर्वत माला के पहाड़ों के बीच से सुरंग भी बनाई जाएगी। 17 किलोमीटर की सात सुरंगे बनेगी। इसके अलावा चंबल, नर्मदा, देव और गोई नदी पर बड़े ब्रिज भी बनेंगे।
इस परियोजना को पूरा करने में करीबन पाँच से आठ वर्ष का समय लगने की उम्मीद है। इस रेल लाइन पर एमपी में 17 स्टेशन बनाए जाएंगे,जबकि चार रेलवे गोदाम का भी निर्माण किया जाएगा। इस रेल लाइन से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान अपनी उपज को कम खर्च में आसानी से भेज सकेंगे। फिलहाल किसानों को अपना माल भेजने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ते है।