home page

MP में बनेगी नई रेलवे लाइन, इन 88 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण, हुआ हेलीकाप्टर से सर्वे

MP Railway :एमपी की इस नई रेलवे लाइन के लिए 88 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। हेलीकाप्टर से किया जा रहा सर्वे...
 | 
New railway line will be built in MP, land of these 88 villages will be acquired, survey done by helicopter

MP : इटारसी से विजयवाड़ा के बीच बनाए जाने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर की परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेलीकॉप्टर की मदद से जमीनी सर्वेक्षण प्रारंभ किया गया है। हैदराबाद की कंपनी की टीम बैतूल के हनोतिया, सिंगनवाड़ी, मलकापुर, बडोरा समेत अन्य गांवों में हेलीकॉप्टर पर लगे लेजर-सक्षम उपकरण का उपयोग करके लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वे (लीडार) तकनीक को अपनाते हुए सर्वे कर रही है।

उत्तर भारत से दक्षिण भारत को जोडऩे के लिए रेलवे द्वारा डेटिकेडेट फ्रेट कारिडोर बनाया जाएगा। सेटेलाईट सर्वे पूरा करने के बाद अब हवाई सर्वे किया जा रहा है।

बैतूल के पुलिस परेड मैदान पर हैलीकाप्टर उतारा गया-

बैतूल के पुलिस परेड मैदान पर स्थित हैलीपेड पर हैलीकाप्टर उतारा गया और उसके बाद इंजीनियरों की टीम ने कुछ देर उपरांत पुन: उड़ान भरी। इटारसी से लेकर विजयवाड़ा तक डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा करीब 975 किलोमीटर लंबा कारिडोर बनाया जाएगा। उत्तर को दक्षिण से जोडऩे के लिए बनाया जा रहा है।

बैतूल से इटारसी के बीच सर्वे का काम देख रहे इंजीनियर दिव्यांशु कश्यप ने बताया कि आज आरबी एसोसिएट कंसल्टेंसी एण्ड आर्किटेक्ट हैदराबाद की कंपनी फ्रेट कारिडोर की डीपीआर बनाने का काम कर रही है। उसके सर्वे स्पेशलिस्ट हैलीकाप्टर से हैदराबाद से बैतूल आए थे। बैतूल में ईंधन लेने के लिए हैलीकाप्टर रूका था। बैतूल से इटारसी तक का हवाई सर्वे किया जाएगा। हैलीकाप्टर में इंजीनियर के साथ दो पायलट हैं। उन्होंने बताया कि इस कारिडोर पर मालगाड़ी चलाई जाएंगी। इससे यात्री ट्रेनों का आवागमन सुगम हो जाएगा और सामग्री का परिवहन अलग ट्रैक होने से बेहद तीव्र गति से होने लगेगा। सर्वे पूर्ण होने के बाद डीपीआर रेलवे को सौंप दी जाएगी।

बैतूल के 88 गांवों से गुजरेगा फ्रेट कारिडोर-

विजयवाड़ा के इटारसी के बीच तैयार किए जा रहे फ्रेट कारिडोर में शाहपुर, बैतूल और मुलताई तहसील के 88 गांव शामिल हैं। शाहपुर तहसील के गुरगुंदा, भौरा, कुंडी, वंकाखोदरी, चापड़ामाल, चिखलदाखुर्द, पाठई, वनग्राम, निशानरैय्यत, मोतढाना, फ्लासपानी, जामपानी, बरैठा, मोखामाल, हरदू, माली सिलपटी, देशावाड़ी, सितलझिरी आदि गांव हैं। बैतूल तहसील के गजपुर, माथनी, मंडईखुर्द, मंडई बुजुर्ग, बोरगांव, भयावाड़ी, झाड़ेगांव, पांगरा, भडूस, परसोड़ा, दनोरा, भोगीतेड़ा, बडोरा, भरकवाड़ी, बैतूलबाजार, हनौतिया, सिगनवाड़ी, चकोरा, बाजपुर, केलापुर, मलकापुर, किल्लौद, रतनपुर, बागदा, बरसाली, लाखापुर, मोरडोंगरी, ठानी रैय्यत, ठानी माल,

आमला तहसील के ससाबड़, आमला, रमली, केदारखेड़ा, परसोड़ा एवं रंभाखेड़ी और मुलताई तहसील के अंतर्गत अंबा बघोली, कान्हा बघोली, निरगुड़, सूखाखेड़ी, जौलखेड़ा, भिलाई, परमंडल, वलनी, पारेगांव, मुलताई, हीराखापा, सोनोली, जामगांव, खेड़ीजगाजी, सिरसावाड़ी, देवभिलाई, सांईखेड़ा, रायआमला, बघोड़ा, आष्टा, सांवगी, खेड़ीरामोसी, गंगापुर एवं कुंभीखेड़ा ग्राम से रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।

स्वतंत्र रेल लाइनों को फ्रेट कारिडोर कहा जाता है-

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक मालगाड़ी के परिचालन के लिए स्वतंत्र रेल लाइनों को फ्रेट कारिडोर कहा जाता है। इस तरह रेल लाइनों में मालगाड़ी ट्रेनों के चलने के लिए बकायदा समय सारणी होती है। एक शहर से बुक कराया गया माल भाड़ा दूसरे शहर में तय समय पर पहुंच जाता है। अभी भोपाल समेत पश्चिम मध्य रेलवे में ऐसी व्यवस्था नहीं है। यहां उन रेलवे लाइनों पर ही मालगाड़ी ट्रेनों को चलाया जाता है जहां पर यात्री ट्रेन चल रही हैं। इस वजह से मालगाड़ी ट्रेन लेट हो जाती हैं और माल तय समय पर संबंधित शहरों में नहीं पहुंच पाता है।

Also Read: UP के इस नए डिजिटल शहर में दिखेगी लंदन व सिंगापुर की झलक, 80 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण

Latest News

Featured

You May Like