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उत्तर प्रदेश में लिफ्ट को लेकर नया कानून, सोसायटी में रहने वालों को मिलेगी बड़ी राहत

UP News - यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में लिफ्ट अपार्टमेंट एक्ट को कानून बनाने को मंजूरी दी है, जो बड़ी इमारतों में रहने वाले लोगों को काफी राहत देता है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में कई हाउसिंग सोसाइटीयाँ हैं। जहां लिफ्ट दुर्घटनाएं हर दिन होती रहती हैं..। नीचे खबर में इस अपडेट की पूरी जानकारी मिलेगी।
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New law regarding lifts in Uttar Pradesh,   people   living in society will get big relief

UP News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लिफ्ट अपार्टमेंट एक्ट को कानून बनाने को मंजूरी दी है, जो ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को बहुत राहत देता है। ऊर्जा विभाग ने लिफ्ट एंड एक्सीलेटर एक्ट का मसौदा कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बनाया है। आने वाले शीतकालीन सत्र में यह कानूनी जामा पहना जाएगा।

उत्तर प्रदेश में लिफ्ट कानून लागू होने से हाई राइज सोसाइटियों में रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा में कई हाउसिंग सोसाइटीयाँ हैं। जहां लिफ्ट दुर्घटनाएं हर दिन होती रहती हैं जिसकी वजह से स्थानीय लोग लंबे समय से लिफ्ट कानून को लागू करने की मांग कर रहे थे।

लिफ्ट कानून की मांग लंबे समय से चल रही है—

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हर जगह ऊंची इमारतें हैं। जहां लाखों लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं। बिल्डर को अपनी पूरी जमा पूंजी देने के बाद उन्हें अपने सपनों का घर तो मिल गया, लेकिन हाउसिंग सोसाइटियों में लिफ्ट को लेकर हर दिन निवासियों को परेशान होना पड़ा। लिफ्ट अक्सर मृत्यु का कारण बनते हैं। लंबे समय से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासी लिफ्ट कानून को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

लिफ्ट को लेकर कठोर कानून बनाने की योजना—

उत्तर प्रदेश में लिफ्ट कानून लागू होने के बाद बहुत से बेवकूफ बिल्डरों को सजा मिल सकेगी। बिल्डिंग बनाते समय लिफ्ट लगाना एक आम लापरवाही है। लिफ्ट अधिनियम लागू होने के बाद निर्धारित होगा कि बिल्डर लिफ्ट की मरम्मत और देखभाल करेगा। वहीं, हाई राइज सोसाइटीयों में लिफ्ट से होने वाले दुर्घटनाओं को भी कम कर सकेगा।

लिफ्ट कानून में कड़े नियम होंगे-

यूपी सरकार ने लिफ्ट एक्ट को लागू करने की अनुमति कैबिनेट से प्राप्त की है। ऊर्जा विभाग लिफ्ट और एक्सीलेटर अधिनियम का मसौदा ड्राफ्ट बना रहा है। विद्युत निदेशालय में टेस्ट के तहत पंजीकृत होना चाहिए। विद्युत निदेशालय हर लिफ्ट का निरीक्षण करेगा। नियमों के अनुसार, लिफ्ट में लिफ्ट ऑपरेटर होना चाहिए। यह लिफ्ट कानून नियमों को तोड़ने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और तीन महीने की सजा का प्रावधान करेगा।लिफ्ट कानून आगामी शीतकालीन सत्र में लागू होने की संभावना है।

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