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New It Policy Benefits: मध्य प्रदेश में किराए के परिसर में चलने वाली आईटी फर्म की सरकार करेगी मदद

Madhya Pradesh New : एमपी सरकार ने आईटी क्षेत्र के निवेशकों को लुभाने के लिए आईटी पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं। इसके बाद आईटी क्षेत्र के निवेशकों को नए अवसर मिल गए हैं। सरकार बीपीओ कंपनियों को किराए में मदद करेगी। इसके अलावा, बड़े निवेशकों को विशेष सौदे भी प्रदान करेगी। वहीं, जमीन के बदले स्थानीय नौकरी की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

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New It Policy Benefits: मध्य प्रदेश में किराए के परिसर में चलने वाली आईटी फर्म की सरकार करेगी मदद

MP News : वर्ष 2016 में बनी आईटी नीति के 8 साल बाद अब मध्य प्रदेश में नई आईटी नीति लागू होगी। बदलते वक्त को देखते हुए इस नीति में कई बदलाव किए गए हैं। अब सरकार किराए के परिसर में चलने वाली आईटी फर्मों (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग-बीपीओ) को किराया सहायता देगी। सरकार 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश पर आईटी फर्मों के लिए विशेष पैकेज (कस्टमाइज्ड) तैयार करेगी। 

कैबिनेट ने इसमें संशोधन को मंजूरी

नई नीति अक्टूबर 2023 में लागू हो गई है। मंगलवार को कैबिनेट ने इसमें संशोधन को मंजूरी दे दी। हाल ही में इसकी गाइडलाइन जारी की गई। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद निवेशक नई नीति का लाभ तय समय सीमा में उठा सकेंगे। नई नीति में सरकार आईटी निवेशकों को मार्केटिंग-क्वालिटी सर्टिफिकेशन में मदद करेगी।  स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में छूट देंगे। कुल मिलाकर आईटी सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। निजी डेवलपर्स भी सभी सुविधाओं वाले आईटी पार्क बनाएंगे। यानी डेवलपर पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे। निवेशक सीधे आकर काम शुरू कर सकेंगे। अनुमति लेने में समय बर्बाद नहीं होगा। 8607123607

पहले एक एकड़ जमीन पर 100 नौकरियां देना जरूरी था।

पहले सस्ती जमीन खरीदने पर एक निश्चित संख्या में नौकरियां देने की बाध्यता थी। जिसे अब इस नीति में हटा दिया गया। अब बता दे की 75% भूमि सब्सिडी सीधे दी जाएगी। पहले रोजगार सृजन की संख्या के आधार पर सस्ती जमीन मिलती थी।  1 एकड़ जमीन पर 100 रोजगार, आईटी इनेबल्ड सर्विस यूनिट और इलेक्ट्रॉनिक्स में 1 एकड़ में 150 रोजगार देना जरूरी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में प्रति एकड़ 50 रोजगार देना जरूरी : 

बाद में बनने वाले पार्कों को 10 करोड़ तक की सहायता मिलेगी : 

राज्य में बनने वाले पहले 5 आईटी पार्कों को 25 करोड़, बाद में बनने वाले पार्कों को 10 करोड़ और आईएनएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग) के लिए कॉमन फैसिलिटी को 25 करोड़ तक की सहायता मिलेगी। 

बड़े निवेश के लिए विशेष पैकेज मिलेगा। 

अब आईटी कंपनियां आसानी से जमीन खरीद सकेंगी। 2016 की नीति में किराए पर सहायता का प्रावधान नहीं था। सिर्फ स्थापना में पूंजी सहायता दी जाती थी। पहले डेटा सेंटर के लिए पूंजीगत व्यय पर सब्सिडी नहीं थी, अब दी गई है। नई नीति में निजी डेवलपर्स को प्लग एन प्ले आईटी पार्क बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पूरी निवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।  पहले अधिकतम 25 एकड़ तक जमीन दी जा सकती थी, अब उपलब्धता के आधार पर इससे अधिक जमीन दी जा सकेगी। 

आईटी में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार इन सुविधाओं के अलावा विशेष पैकेज में अन्य वांछित ई-सुविधाएं और छूट भी उपलब्ध कराएगी। आईटी फर्म के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक, इंसडीएम के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक और दारा सेंटर के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश होने पर सरकार ऐसे पैकेज देगी। नई नीति में भूमि आवंटन के लिए खुली निविदाएं होंगी।

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