MP के इस जिले में बनेगा नया अतंरराज्यीय बस स्टैंड, 58 करोड़ रुपए आएगी लागत
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में झांसी खजुराहो फोरलेन पर अतंरराज्यीय बस स्टैंड का निर्माण सोहर मौजा की जमीन पर ही करवाया जाएगा. बीते दिनों कलेक्टर संदीप जीआर और विधायक ललिता यादव के बीच बैठक हुई है. इस बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस बस टर्मिनल का निर्माण आईएसबीटी की तर्ज पर करवाया जाएगा।
दो बार बनी डीपीआर
केन्द्रीय विद्यालय जो झांसी खजुराहो फोरलेन से सटा है उसके पीछे प्रस्तावित अतंरराज्यीय बस टर्मिनल के लिए जमीन हाउसिंग बोर्ड को दी गई है। अब टर्मिनल का नक्शा बदल जाएगा। बस टर्मिनल का निर्माण हाउसिंग बोर्ड करेगा, जिसे पहले ही शासन स्तर से मंजूरी मिल चुकी है। नए डीपीआर में बस टर्मिनल पर लगभग 58 करोड़ रुपये का खर्च होगा। नगरपालिका छतरपुर पहले भी दो बार डीपीआर बना चुकी है। लेकिन नगरपालिका ने टर्मिनल बनाना शुरू नहीं किया। इससे शासन ने बस टर्मिनल बनाने की जिम्मेदारी अब हाउसिंग बोर्ड को दी है।
58 करोड़ रुपये का डीपीआर
आइएसबीटी के निर्माण के लिए हाउसिंग बोर्ड 58 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाएगा। योजना का पुनर्निर्माण किया जाएगा। आइएसबीटी को पुनर्गठनीकरण योजना के तहत बनाने की लागत के बदले, प्रशासन ने पूर्ववर्ती एसबीआई बैंक के पास जमीन हाउसिंग बोर्ड को दी है। भूमि को हाउसिंग बोर्ड को एलाट कर दिया गया है, जो साधिकार समिति के अध्यक्ष कलेक्टर संदीप जीआर ने किया है। अब हाउसिंग बोर्ड ISBT बनाएगा।
400 बसों को यहां खड़े होने की सुविधा
50 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैंड को इस तरह से बनाया जाएगा कि 400 बसों को यहां खड़े होने की सुविधा होगी। इसके अलावा, यात्रियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही रेस्तरां, वेटिंग क्षेत्र और पार्किंग क्षेत्र भी बनाए जाएंगे। टिकट काउंटर और अलग-अलग क्षेत्रों में चलने वाली बसों के लिए क्षेत्र बनाए जाएंगे। छतरपुर अंतरराज्यीय बस स्टेड (ISBT) अन्य सभी सुविधाओं से भी सुसज्जित होगा।
डिजाइन और ड्राइंग
ISBT बनाने के लिए नगर पालिका ने गुजरात की जग ट्रेडर्स कंसल्टेंसी एजेंसी से दो बार डीपीआर तैयार कराया। इतना ही नहीं, इसमें डिजाइन और ड्राइंग भी शामिल हैं। नगरपालिका ने भी ब्लू प्रिंट बनाया, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद परियोजना बजट के अभाव में अटक गई। बस स्टैंड के निर्माण के लिए नगर पालिका ने राज्य सरकार से बजट मांगा, लेकिन सफल नहीं हुआ। राज्य सरकार ने बजट को मंजूरी देने की सलाह दी और बस स्टैंड को पीपीसी मोड पर बनाया जाना चाहिए था। ईसी के चलते बस स्टैंड का परियोजना पिछले साढ़े तीन साल से पूरा नहीं हुआ है।
शहर को विकसित करने में शहरवासी की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा। आइएसबीटी सौंरा में बनाने पर सभी सहमत हैं। इसलिए सौंरा में बस स्टैंड निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने की कोशिश की जा रही है।