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उत्तर प्रदेश की इस 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड पर बनेगे नए औद्योगिक क्षेत्र, इनमें से एक को मिलेगा प्रोजेक्ट

रिंग रोड के किनारे कानपुर में औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना बनाई जा रही है, जिसका काम दिवाली के बाद शुरू होना था। पूरे काम में झीलें भी बनाई जाएंगी। यूपीडा या यूपीसीडा में से किसी एक को इस कार्य को पूरा करना होगा। आइये प्रोजेक्ट के बारे में जानें 

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New industrial areas will be built on this 93 kilometer long Outer Ring Road of Uttar Pradesh, one of them will get the project

UP News : 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड की दीपावली के बाद काम शुरू करने का प्रयास तेज हो गया है। सांसद सत्यदेव पचौरी को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भूमि पूजन में उपस्थित होने का आश्वासन दिया है।

प्रोजेक्ट के लेआउट के अनुसार, इंटीग्रेटेड टाउनशिप रिंग रोड के किनारे बनाई जाएगी, जहां दस झीलों को बनाया जाएगा। जल्द ही यह तय हो जाएगा कि इस टाउनशिप को यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यूपी एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण या कानपुर विकास प्राधिकरण बसाएगा। 

रिंग रोड के किनारे बनाए जाने वाले शहर में औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र और रीक्रिएशन क्षेत्र होंगे। इसके अलावा यहां व्यावसायिक और शिक्षण संस्थान होंगे। चिकित्सालय के लिए भी जमीन आवंटित की जाएगी। रिंग रोड चार चरणों में बनना चाहिए। सचेंडी से मंधना तक जीटी रोड को कानपुर-इटावा राजमार्ग और झांसी राजमार्ग से जोड़ेगा, जबकि सचेंडी से रमईपुर में यह राजमार्ग हमीरपुर राजमार्ग से जुड़ेगा।

रमईपुर से रूमा तक प्रयागराज राजमार्ग जुड़ेगा, जबकि आटा कानपुर-लखनऊ राजमार्ग से जुड़ेगा। जीटी रोड आटा से मंधना के पास जाती है। अब साढ़ में रक्षा कॉरिडोर, रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर, गंगा बैराज के पास ट्रांसगंगा सिटी और रूमा में चकेरी और रूमा औद्योगिक क्षेत्र होंगे। 

टाउनशिप से निकलने वाली अनियोजित आवास सोसाइटियों पर नियंत्रण

रिंग रोड के किनारे बनाए जाने वाले नए शहर की जगहों का सर्वे करने की योजना बनाई गई है। इससे एक अनियोजित तरीके से बस रहीं घरों पर लगाम लगेगा और दूसरे लोगों को सुविधायुक्त घर मिलेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समग्र विकास समिति ने टाउनशिप बसाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।

प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। अब कौन सा प्राधिकरण इस काम को संभालेगा, हर बार जब भी बैठक होगी, तय हो जाएगा। रिंग रोड पर बारह प्रवेश प्वाइंट बनेंगे। फोर लेन सड़कें भी रिंग रोड से जुड़ेंगी। ऐसे में इन्हीं के आसपास इंटीग्रेटेड शहर बनाने की योजना बनाई जाएगी।

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