UP में इस जगह बनेगा नया हाईवे, 6 जिलों को मिलेगा यह फायदा
Saral Kisan : उत्तर प्रदेश में कई सड़कें हैं। मुख्य कारण यह है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी सबसे अधिक हाईवे और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे और प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे के बाद अब नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे की योजना बनाई जा रही है। इस भाग में एक नया राजमार्ग दिल्ली से सटे नोएडा को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर से जोड़ेगा।
इस राजमार्ग को पहले कानपुर से हापुड़ के बीच बनाना था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। साथ ही हापुड़-नोएडा एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 60 किलोमीटर लंबा कनेक्टर रोड भी बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे कानपुर एयरपोर्ट को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ेगा।
नियम में किए गए बदलाव: नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देखते हुए बदलाव किया गया है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना में बदलाव को मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू होने के भी संकेत मिलने लगे हैं। साथ ही, नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे के प्राइमरी स्टेज पर बनाए गए डीपीआर के तहत रूट मैप का विवरण भी सामने आया है। इसे मंत्रालय से अनुमोदन मिलते ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
इन स्थानों से एक्सप्रेसवे गुजरेगा:
यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश के छह जिलों से गुजरेगा। नोएडा-बुलंदशहर एक्सप्रेसवे कासगंज पहुंचेगा। वहां से एटा, मैनपुरी और कन्नौज के माध्यम से कानपुर का रास्ता बनाया गया है। नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई 380 किलोमीटर होगी। 60 किलोमीटर का एक कनेक्टर हापुड़ तक बनाया जाएगा। नई राजमार्ग परियोजना से आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास और विकास योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी। परियोजना का समाप्त होने का लक्ष्य मार्च 2026 है।
1. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे—यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है।
दिल्ली-मुबई एक्सप्रेसवे लंबे समय से चर्चा में है। बताया जाता है कि इस एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। इसके बन जाने के बाद मुंबई से दिल्ली पहुंचने में लगभग ग्यारह से बारह घंटे लगेंगे। 1,382 किलोमीटर की लंबाई है। यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। साल 2023 के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। यात्रियों को 13 से 14 घंटे बचेंगे।
2. मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway) -
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे को पूरा होने में सिर्फ 6 या 7 महीनों का वक्त लगेगा। जब यह एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा तो मुंबई से नागपुर की दूरी महज 8 घंटे या उससे भी कम समय में तय कर सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 701 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे विदर्भ से होकर गुजरेगा और महाराष्ट्र के 8 से ज्यादा जिलों को जोड़ रहा है। इसके लिए 388 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है।
3. द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) -
पहले शहरी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के रूप में द्वारका एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के साथ राष्ट्रीय राजधानी के पश्चिमी हिस्से की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा। इससे एनएच-8 पर भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 29 किलोमीटर है और इसके वर्ष 2023 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह 18.1 किलोमीटर गुड़गांव में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली से गुजरेगा।
4. गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) -
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। बताया जा रहा है कि जिस रफ्तार से इस पर काम हो रहा है, उसे देखते हुए प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) से पहले इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। शासन स्तर पर सभी विभागों से इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। यह मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होता है और प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होता है। इसमें प्रयागराज, मेरठ, उन्नाव, बदांयू, संभल, चंदौसी, तिलहर, बांगरमऊ, रायबरेली, हापुड और स्याना जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरता है। इसके बनने के बाद मेरठ और प्रयागराज के बीच 6 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा। मौजूदा समय में मेरठ से प्रयागराज जाने में 12 घंटे लगते हैं।
5. दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Amritsar-Katra Expressway) -
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 650 किलोमीटर है। यह दिल्ली में बहादुरगढ़ सीमा से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में कटरा तक जाता है। यह एक्सप्रेसवे 4 लेन का है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर दोनों को जोड़ा जा रहा है।
6. अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera Expressway) -
इस एक्सप्रेसवे को बनाने का ऐलान साल 2010 में किया गया था, लेकिन इसे साल 2019 में हरी झंडी मिली। यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे होगा। इसकी कुल लंबाई लगभग 110 किलोमीटर होगी। यह गुजरात के कई प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा।
7. बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Bangalore-Chennai Expressway) -
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने के बाद इन दोनों महानगरों के बीच का फांसला महज 3.5 घंटे में सिमट जाएगा। इसके साल 2023 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे कर्नाटक के होसकोटे से शुरू होकर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 262 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे का 85 किलोमीटर हिस्सा तमिलनाडु में, 71 किलोमीटर आंध्र प्रदेश में और 106 किलोमीटर कर्नाटक में पड़ता है। बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर कारें 120 किलोमीटर प्रति घंटे (Bangalore-Chennai Expressway Speed Limit) की रफ्तार से चलेंगी। वहीं, इस पर धीमे चलने वाले साधन जैसे बाइक और ऑटोरिक्शा पर पाबंदी रहेगी।
8. नर्मदा एक्सप्रेसवे (Narmada Expressway) -
मध्य प्रदेश में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 1,265 किलोमीटर लंबा नर्मदा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 11 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा , खरगौन, बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से छत्तीसगढ़ सीधा गुजरात से जुड़ जाएगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इस एक्सप्रेस की कुल लागत 31,000 करोड़ रुपये है।
9. रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे (Raipur–Visakhapatnam Expressway) -
इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 464 किमी है। यह मध्य और पूर्व-मध्य भारत के छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के राज्यों से होकर गुजरेगा। इससे यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर 7 घंटे रह जाएगा।
10. मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे (Mumbai-Vadodara Expressway) -
मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे पश्चिमी भारत के दो बड़े आर्थिक शहरों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 379 किलोमीटर होगी। यह कई बड़े शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी सिर्फ 6 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
11. अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway) -
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 1,257 किलोमीटर होगी। इसके सितंबर 2023 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह अमृतसर और जामनगर के बीच करीब 26 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी घटकर 13 घंटे हो जाएगी।
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