New Highway : इस 6 लेन हाईवे से दिल्ली-NCR , हरियाणा और UP वालों को सफर होगा आसान, लगेगा आधा समय
New Highway- पिछले कुछ सालों में भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर हुआ है। मौजूदा समय में नए-नए एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे का निर्माण हो रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच नए 6 लेन हाईवे को तैयार किया जा रहा है.
Saral Kisan : पिछले कुछ सालों में भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतरीन हुआ है. नए-नए एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे का निर्माण हो रहा है. ऐसे में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच नए 6 लेन हाईवे को तैयार किया जा रहा है, जिसकी तस्वीरें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए दिल्ली-एनसीआर को जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट की जानकारी शेयर की है.
इस हाईवे का निर्माण कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (KMP Expressway) के नजदीक किया जा रहा है. इस परियोजना पर कुल 2,627 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे आगरा और गुड़गांव नहर के समानांतर बनाया जा रहा है. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अपने ट्विट में बताया कि यह हाईवे नोएडा और दिल्ली से दिल्ली-मुंबइ एक्सप्रेस-वे बीच ट्रेवल टाइम को 3 से 4 घंटे घटा देगा.
तीन राज्यों को फायदा-
नितिन गडकरी ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत इस 50 किलोमीटर लंबे 6 लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है. नेशनल हाईवे 148 के केएमपी जंक्शन के पास यह जैतपुर-पुस्ता रोड से शुरू हो रहा है. इस हाईवे के बनने से यूपी, दिल्ली और हरियाणा का बहुत फायदा होगा. दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा, पलवल और बल्लभगढ़ आने-जाने में बहुत सहूलियत होगी और टाइम भी बचेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार पूरा जोर लगा रही है और कई रोड प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. दिल्ली-गुरुग्राम के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेस-वे बन रहा है. इस एक्सप्रेसवे को 9 हजार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है.
वर्ल्ड क्लास रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना लक्ष्य-
नितिन गडकरी ने अपने ट्विट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का लक्ष्य देश में विश्व स्तरीय रोड इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है. इसी दिशा में सरकार लगातार आगे बढ़ रही है. गौरतलब है कि नितिन गडकरी कई बार कह चुके हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत की सड़कें अमेरिकी सड़कों का मुकाबला करने लगेंगी.