उत्तर प्रदेश में यहां नया शहर बनाने के लिए जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू, 4 गुना ज्यादा मिलेगा पैसा
UP News : उत्तर प्रदेश में 6000 एकड़ में नया शहर बसाने की योजना है. इस नए शहर के लिए जमीन खरीदने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. जीडीए प्रभावित किसानों को सर्किल रेट से चार गुना अधिक कीमत दी जा रही है. नया शहर मुख्यमंत्री शहर विस्तारीकरण (नया शहर प्रोत्साहन) योजना के तहत बनाया जाएगा।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में 6000 एकड़ जमीन पर नया गोरखपुर बसाया जाना है. मुख्यमंत्री शहर 20 योजना के तहत इस शहर को बसाया जाएगा. शहर निर्माण की जद में आने वाले किसानों की जमीन अब खरीदी जाने लगी है। इस परियोजना के अंतर्गत दो दिनों में आठ किसानों की 4 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री की गई है. इसके लिए जीडीए प्रभावित किसानों को सर्कल लेट से चार गुना अधिक भुगतान किया जा रहा है.
जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया हुई तेज
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की प्राथमिकता वाली नवीनतम गोरखपुर परियोजना के लिए जद में आ रहे किसानों ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। आठ किसानों ने दो दिन में चार एकड़ की जमीन को परियोजना के लिए रजिस्ट्री दी है, जिसके लिए जीडीए सर्किल रेट का चार गुणा दर दे रहा है। बालापार गांव से रजिस्ट्री कराने का क्रम शुरू हुआ है।
प्रति हेक्टेयर पर तीन करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये
नया गोरखपुर 6000 एकड़ में मुख्यमंत्री शहर विस्तारीकरण (नया शहर प्रोत्साहन) योजना के तहत बनाया जाएगा। इसके लिए पिपराइच रोड के चार गांवों, मानीराम, रहमत नगर, सोनबरसा और बालापार की 158.377 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है। प्रत्येक हेक्टेयर पर तीन करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये की दर निर्धारित की गई है। जीडीए ने शासन से मुआवजे के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसमें से 400 करोड़ रुपये मिल गए हैं। जीडीए ने अब जमीन रजिस्ट्री का कार्य शुरू कर दिया है। सोमवार को पहले दिन बालापार गांव के छह और दूसरे दिन मंगलवार को दो किसान जीडीए कार्यालय पहुंच कर जमीन रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया पूरी कराई।
रजिस्ट्री से पहले खाते में पहुंचा पांच करोड़
जीडीए ने जमीन रजिस्ट्री से पहले ही किसानों के खाते में लगभग पांच करोड़ रुपये भेजे। बालापार में लगभग 62.17 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित है। पिपराइच रोड मानीराम, रहमतनगर, सोनबरसा और बालापार में लगभग 158.377 हेक्टेयर जमीन को शामिल करेगा। जीडीए लगभग 20 साल बाद नया गोरखपुर की तरह किसी परियोजना के लिए जमीन खरीद रहा है। इससे पहले, 2003 से 2005 तक, राप्तीनगर के विस्तार के लिए आठ राजस्व ग्रामों की जमीन अधिग्रहण की गई थी।