उत्तर प्रदेश के 48 गांवों की जमीनों से निकलेगा नया एक्सप्रेसवे, आधे से कम समय में कटेगा सफर

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में आगरा-अलीगढ़ एक्सप्रेस वे भारत माला परियोजना के तहत बनाया जाएगा। इसके लिए, राज्य के 48 गांवों में 322 हेक्टेयर जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई है। इस एक्सप्रेस वे का निर्माण भी जल्द ही शुरू होगा। आगरा से अलीगढ़ की दूरी को एक घंटे में कम करने के लिए जिले से एक ग्रीन एक्सप्रेस बनाया जाएगा। इसके लिए, जिले के 322 हेक्टेयर जमीन के लगभग 400 किसानों को लगभग 600 करोड़ रुपये की मुआवजा दी गई है।
पहले चरण में इसका निर्माण एनएच 509 से हाथरस के गांव असरोई तक होगा। पहले चरण में एक्सप्रेस वे की पूरी लंबाई 64.90 किलोमीटर होगी, जिसमें करीब 28 किलोमीटर की दूरी होगी। इस चार लेन वाले ग्रीन एक्सप्रेस वे का मूल्य 1536.9 करोड़ रुपये है।
एनएचएआई ने फरीदाबाद की कंपनी केआरसी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को पहले चरण का निर्माण करने का टेंडर दिया है। 716.5 करोड़ रुपये इसके बजट में शामिल हैं। दूसरे चरण में, यमुना एक्सप्रेस-वे को आगरा के खंदौली से हाथरस के असरोई तक 36.9 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा।
एनएचएआई ने फरीदाबाद की कंपनी केआरसी इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को पहले चरण का निर्माण करने का टेंडर दिया है। 716.5 करोड़ रुपये इसके बजट में शामिल हैं। दूसरे चरण में, यमुना एक्सप्रेस-वे को आगरा के खंदौली से हाथरस के असरोई तक 36.9 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा।
- 322 हेक्टेयर जमीन का पूरा हुआ अधिग्रहण।
- 600 करोड़ रुपये का मुआवजा जमीन के लिए दिया गया।
- 64.90 किलोमीटर है पूरे एक्सप्रेस वे की लंबाई।
- 1536 करोड़ रुपये से होगा ग्रीन एक्सप्रेस वे का निर्माण।
एक घंटे में खंदौली से पहुंचेंगे, अलीगढ़
ग्रीन एक्सप्रेस वे बनने के बाद खंदौली से अलीगढ़ का सफर एक घंटे का रह जाएगा, जबकि अभी दो घंटे लगता है। हाथरस के लोगों को एक्सप्रेस वे से नोएडा जाने की सुविधा मिलेगी। वह हाथरस से सीधे ग्रीन एक्सप्रेस वे पर जाएगा और फिर नोएडा एक्सप्रेस वे पर जाएगा। जेवर एयरपोर्ट भी हाथरस से आसानी से मिल जाएगा।