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उत्तर प्रदेश में 6 हजार एकड़ में बसेगा नया शहर, कई गांवों से ली जाएगी जमीन

UP New city Project : मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत गोरखपुर में एक नया शहर बनाने का प्रयास शुरू हुआ है। गोरखपुर-कुशीनगर रोड पर चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के माड़ा पार में 152 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी. इसके अलावा, सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 45 हेक्टेयर और कोनी में 57 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। GDA इस नए शहर में किसानों से समझौते के आधार पर काम करेगा।
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उत्तर प्रदेश में 6 हजार एकड़ में बसेगा नया शहर, कई गांवों से ली जाएगी जमीन

Uttar Pradesh : यूपी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। योगी सरकार राज्य में नया गोरखपुर बनाने वाली है। इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को लगभग छह हजार एकड़ जमीन दी जाएगी, जो लगभग बीस गांवों में फैली होगी। जो किसान निर्धारित दर पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं और जनसुनवाई और बैठकों में अपना असंतोष व्यक्त कर रहे हैं इसके लिए भी तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसके लिए राज्य ने चार सौ करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। हालाँकि, जो किसानों की जमीन सरकार अधिग्रहण करना चाहती है, वे आसानी से जीडीए को अपनी जमीन देना नहीं चाहते। यह किसानों को भी आगे लाकर विरोध करने लगे हैं। इसके बारे में भी GDA की चौपाल में चर्चा हो रही है। इस आम सुनवाई में भी आपत्ति दर्ज कराई है.

किसानों की जमीनों का अधिग्रहण

मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत गोरखपुर में एक नया शहर बनाने का प्रयास शुरू हुआ है। गोरखपुर-कुशीनगर रोड पर चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के माड़ा पार में 152 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी. इसके अलावा, सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 45 हेक्टेयर और कोनी में 57 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। GDA इस नए शहर में किसानों से समझौते के आधार पर काम करेगा।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। काश्तकारों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुंवर प्रताप सिंह के नेतृत्व में जमीन नहीं देने की मांग जीडीए के सामने रखी है। किसानों ने बाजार दर के अनुसार नए सर्किल रेट निर्धारित करने के बाद कमेटी बनाकर सर्किल रेट के अनुसार मुआवजे की दर निर्धारित करने की मांग की है।

खेती की जमीन देने को तैयार नहीं किसान

तहसीलदार का कहना है कि इस मामले में उच्च अधिकारियों से चर्चा करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। हीरालाल, रामवती यादव, सुदामा निषाद, संजय जायसवाल, सत्येंद्र निषाद, अब्दुल हमीद अंसारी, प्रदीप निषाद, मुकेश सिंह राम, गोविंद पुजारी, चंद्रभान पासवान, राजेंद्र भगत सहित कई किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। जीडीए के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह ने कहा कि किसान 2016 के आधार पर पहले अपनी जमीन का चार गुना मुआवजा मांग रहे थे, लेकिन पहली सरकार इसे देने को तैयार नहीं थी और किसानों ने इसका विरोध किया।

हजारों किसानों को रजिस्ट्री

बताया जाता है कि किसानों ने पिछले दिनों सहमति के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण को अपनी जमीन देना शुरू किया है। करीब एक हजार किसानों को पंजीकृत करना होगा। अब तक 150 किसानों ने सहमति पत्र भरा है। 3 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की लागत निर्धारित की गई है। ऐसे ही अन्य गांवों से जमीन खरीदेंगे। जल्द ही सरकार को पत्र लिखकर अनुमति और धन की मांग की गई है। ऋण की आवश्यकता बढ़ेगी जैसे-जैसे किसानों की रजिस्ट्री बढ़ेगी।

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