MP में इस जिले के 49 गावों से निकलेगी नई नहर, जल्द होगा निर्माण शुरू
MP News : मध्य प्रदेश की जनता के लिए बड़ी अपडेट सामने आ रही है. देश की पहली नदी जोड़ो योजना पर अब युद्ध स्तर पर काम शुरू होने वाला है. केन बेतवा लिंक योजना के माध्यम से लिंक नहर का निर्माण किया जाएगा. मध्य प्रदेश के 49 गांवों से होकर यह लिंक नहर गुजरने वाली है. इसके लिए जिले में 1299 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.
Ken Betwa link Project : केन बेतवा लिंक परियोजना मध्य प्रदेश के लिए वरदान साबित होने वाली है. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में प्रमुख बांध ढोढऩ का टेंडर हो चुका है. इस ढोढऩ बांध का टेंडर हो जाने के बाद केन बेतवा लिंक योजना के माध्यम से नहर के निर्माण को लेकर कवायद एक बार फिर तेज हो गई है.
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की प्यास बुझेगी
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ढोढऩ में केन नदी पर बनने वाला ढोढऩ बांध मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बड़े इलाके की प्यास बुझाने वाला है. जिले के प्रमुख बांध ढोढऩ बांध में इकट्ठा होने वाला पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा. पानी को बेतवा नदी तक पहुंचाने के लिए 212 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के 49 गांवों से होकर यह नहर गुजरने वाली है. इसके लिए जिले में 1299 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.
छतरपुर जिले के 49 गांवों से निकलेगी नहर
मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलाकर बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना बनी हैं। देश की पहली नदी जोड़ो योजना पर अब युद्ध स्तर पर काम शुरू होने वाला है. मध्य प्रदेश के छतरपुर के ढोढऩ बांध के निर्माण का टेंडर नागा अर्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है. बता दें कि नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3900 करोड रुपए में मुख्य बांध ढोढऩ के निर्माण का टेंडर मिला है. इस बांध का टेंडर हो जाने के बाद अब केन बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से नहर का निर्माण जल्दी ही करवाया जाएगा. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के 49 गांवों से होकर यह नहर गुजरने वाली है.
नहर का निर्माण जल संसाधन विभाग करवाएगा
ढोढऩ बांध निर्माण के लिए भारत सरकार ने केन बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी गठित की है. बता दें की केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट अथॉरिटी सिर्फ बांध का निर्माण कार्य ही करवाएगी. इसके अलावा मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग केन बेतवा लिंक कैनाल(नहर) का निर्माण करवाने वाला है. मध्य प्रदेश के छतरपुर में इस लिंक नहर के निर्माण के लिए अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में जल संसाधन विभाग ने कार्यालय का गठन किया है. इस लिंक नहर के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अधीक्षण अभियंता युवराज बार्के के नेतृत्व वाली टीम ने शुरू कर दी है. केन बेतवा लिंक कैनाल के कार्यपालन मंत्री निर्मल चंद्र जैन जानकारी देते हुए बताया कि यह लिंक नहर छतरपुर जिले के 49 गांवों से होकर निकलने वाली है. इस लिंक नहर के लिए 165 हेक्टेयर निजी जमीन और 1134 हेक्टेयर शासकीय जमीन का अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जमीन अधिग्रहण के लिए धारा 11 के माध्यम से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके अलावा धारा 19 के माध्यम से अधिसूचना प्रशासन की तैयारी की जा रही है.
तीनों जिलों में कुल 1 लाख 82 हजार 525 हैक्टेयर जमीन में होगी सिंचाई
केन बेतवा लिंक कैनाल छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और उत्तर प्रदेश के झांसी जिलों से होकर गुजरने वाली हैं। नहर की शुरुआत में 13.2 मीटर की चौड़ाई होगी, लेकिन बेतवा नदी के पास जाते जाते 10 मीटर कम हो जाएगी. माइनर नहरों का निर्माण करने के लिए मुख्य नहर में 11 पंप स्टेशन का निर्माण किया जाएगा, जिनमें से छतरपुर जिले में 6 पंप स्टेशन और टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में 1 एक -एक पंप स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इस नहर से तीनों जिलों में कुल 1 लाख 82 हजार 525 हैक्टेयर जमीन में इससे सिंचाई जाएगी। इसी तरह उत्तर प्रदेश में सिंचाई के लिए तीन पंप स्टेशन बनाए जाएंगे। इससे 55 हजार 52 हैक्टेयर जमीन सिंचाई हो सकेगी। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के 680 गांवों में नहर से सिंचाई की जाएगी।
छतरपुर जिले के 14 गांव प्रभावित
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के 14 गांवों प्रभावित होने वाले हैं. छतरपुर जिले के 14 गांव इस परियोजना के तहत विस्थापित किए जाने हैं. जिले के इन गांवों में भरकुआं, कदवारा, घुघरी, ढोढन खरियानी, पलकोंहा, शाहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, कुपी, मैनारी, डुंगरिया, बसुधा आदि शामिल है. इस परियोजना से इन गांवों के जो परिवार विस्थापित होंगे उनको भैंसखार, राइपुरा, नंदगांयबट्टन और किशनगढ़ इन गांव में बसाया जाएगा. इन चार गांवों में विस्थापित परिवारों को बसाने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है.
पन्ना जिले के 11 गांव भी विस्थापित
जानकारी के लिए बता दें की केन बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय योजना में पन्ना जिले के 11 गांव भी विस्थापित किए जाने हैं. पहले आठ गांवों को विस्थापित करने का निर्णय लिया गया था और इन्हें चिन्हित भी कर लिया गया था. इसमें आपको बता दें कि पन्ना तहसील के ये गहदरा, कटहरी बिलहटा, मझौली, कोनी और डोंडी और अमानगंज तहसील के खमरी, कूडऩ और मरहा गांव शामिल थे. इसके अलावा आपको बता दें कि लाला रामपुरा जर्बोड़ा और कटरा गांव को भी शासकीय रासो जमीन विस्थापित करने का निर्णय लिया गया था. इसको लेकर तीनों गांव में लोक सुनवाई की कार्रवाई भी की जा चुकी है. इस योजना के अंतर्गत विस्थापित होने वाले सभी 11 गांव पीटीआर क्षेत्र के अंदर बसे हुए हैं.