MP : मध्य प्रदेश में बिजली चोरी करने वाले हो जाए सतर्क, अब बिल नहीं भरा तो जाना पड़ेगा कोर्ट
Electricity Company MP : बिजली चोरी के मामलों से बिजली विभाग भी परेशान हो चुका है। लेकिन बिजली विभाग ने इसका तोड़ निकाल लिया है और अब बिजली चोरी करना भारी पड़ेगा। बिजली चोरी करने की वजह से अगर मामला दर्ज होता है, तो पूरा बिल भरना पड़ेगा।
MP News : बिजली चोरी के मामलों से बिजली विभाग भी परेशान हो चुका है। लेकिन बिजली विभाग ने इसका तोड़ निकाल लिया है और अब बिजली चोरी करना भारी पड़ेगा। अगर उपभोक्ता बिल नहीं भरता है, तो मामला सीधे अदालत में जाएगा। इससे पहले बिजली कंपनी द्वारा बिजली चोरी के मामलों में सुनवाई करने के लिए सर्कल लेवल की कमेटी बनाई गई थी। जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
अदालत तक जाएगा मामला
आप बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद अगर बिल नहीं भरा, तो बिजली अधिनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज करवाया जाएगा। मामला दर्द होते ही एक साल की बिलिंग ली जाएगी।
अगर आरोपी पूरा बिल नहीं भरता है, तो मामला अदालत तक जाएगा। भोपाल के कई इलाकों में बिजली चोरी 60 से 70% तक पहुंच चुकी है। वही सबसे अधिक बाजपेई नगर फीडर और छोला फीडर में सबसे अधिक बिजली चोरी 78 प्रतिशत तक हुई है।
अगर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बात करें, तो बीते 5 साल में बिजली चोरी का प्रतिशत कुछ इस प्रकार है।
वर्ष | प्रतिशत |
2019-20 | 26.76% |
2020-21. | 28.39% |
2021-22 | 29.59% |
2022-23. | 28.07% |
2023-24. | 27.25 % |
बिजली कंपनी को हुआ ऐसे नुकसान
बिजली चोरी के संवेदनशील इलाकों से 2.80 रुपए प्रति यूनिट से लेकर 4.50 रुपए प्रति यूनिट तक की वसूली की जा रही है। बिजली कंपनी को करीबन ₹3 तक का नुकसान होने के बाद बिजली की एवरेज कास्ट 6.50 रुपए प्रति यूनिट पढ़ रही है। इसी वजह से कंपनी की एवरेज कॉस्ट 6.50 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई है।