home page

देश का करीब 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा हैं रेगिस्तान, लेकिन फिर भी खेती में कर डाली मिसाल कायम

इस समय हमास के साथ जारी लड़ाई के कारण इजरायल चर्चा में है। 90 लाख लोगों की आबादी वाली यह देश मिलिट्री तकनीक और अद्भुत खेती के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय भी हो रहा है।
 | 
More than 60 percent of the country is desert, but still an example has been set in farming.

Saral Kisan : इस समय हमास के साथ जारी लड़ाई के कारण इजरायल चर्चा में है। 90 लाख लोगों की आबादी वाली यह देश मिलिट्री तकनीक और अद्भुत खेती के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय भी हो रहा है। कई देश इस देश की कृषि तकनीक को अपना रहे हैं। उससे उन देश का खाद्य उत्पादन बढ़ा है। भारत भी इजरायली तकनीक का उपयोग कर रहा है। भारत के किसान हर साल इजरायल जाकर खेती की नवीनतम तकनीक सीखते हैं। आज हम जानते हैं कि इजरायल की खेती की तकनीक विश्व भर में लोकप्रिय है।

गेहूं और चावल भी खेती जा सकती है -

इजरायल का 60% क्षेत्र रेगिस्तान है। यहां खेती के लिए बहुत कम जमीन है। ऐसे में यहां के किसानों ने इन परेशानियों को दूर करने के लिए वर्टिकल खेती की तकनीक बनाई। यह एक बहुत ही नवीन कृषि प्रणाली है। दरअसल, इजरायल की आधी से अधिक जनसंख्या शहरी है। ऐसे में शहर में रहने वाले लोगों ने वर्टिकल फार्मिंग विधि को अपनाया। इस तकनीक में खेती घर की दीवार पर की जाती है। इजरायल में आज बहुत से लोग दीवारों पर सब्जियों की खेती कर रहे हैं।

मछली पालन -

क्योंकि मछली पानी के बिना नहीं जीवित रह सकती। ऐसे में मछली पालन करने के लिए बहुत अधिक पानी चाहिए। लेकिन इजरायलियों ने रेगिस्तान में भी मछली पालन किया है। विशेष रूप से, ग्रो फिश एनीव्हेयर (GFA) की नवीनतम तकनीक से इजरायल के किसान रेगिस्तान में भी मछली पालन कर रहे हैं। इस सिस्टम ने मछली पालन में मौसम और बिजली की आवश्यकता को कम कर दिया है। इस प्रक्रिया में मछली को एक टैंक में पाला जाता है।

पौधों को एरोपोनिक्स विधि में हवा में उगाया जाता है -

खास बात यह है कि वर्टिकल खेती में भी कई तरह की कृषि तकनीकें अपनाई जाती हैं। जैसे एरोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स और हाइड्रोपोनिक्स प्रौद्योगिकी। लेकिन हाइड्रोपोनिक्स तकनीक किसानों में सबसे लोकप्रिय है। इस विधि में मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाता। एक सोल्यूशन में पौधों को मिट्टी के बिना उगाया जाता है। इसी तरह, पौधों को हवा में उगाया जाता है।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इस ज‍िले को 8 नए विद्युत उपकेंद्र की मिली बड़ी सौगात, जमीन भी कर ली गई चिन्हित

Latest News

Featured

You May Like