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राजस्थान में मानसून धीमी होगी मानसून की रफ़्तार, 2 दिनों के दौरान 30 जिलों में होगी बारिश

आज बुधवार को भी प्रदेश के 19 जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी है. इसके अलावा कल 11 जिलों में भी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में शुक्रवार से तीन दिनों के लिए मानसून की रफ्तार धीमी होने के आसार जताए गए हैं.
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राजस्थान में मानसून धीमी होगी मानसून की रफ़्तार, 2 दिनों के दौरान 30 जिलों में होगी बारिश

Rajasthan Weather : राजस्थान में मानसून की 25 जून को एंट्री हुई थी. उसके बाद प्रदेश पर मानसून की बारिश लगातार मेहरबान है. मानसून की दस्तक देने के बाद रफ्तार धीमी होने के कारण पूरे प्रदेश में बारिश होने के लिए एक सप्ताह का समय लगा. परंतु कई जिलों में बारिश में कोई कमी नहीं रही. बीते दिन मंगलवार को भी प्रदेश के कई जिलों में मानसून की बारिश हुई.

आज बुधवार को भी प्रदेश के 19 जिलों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी है. इसके अलावा कल 11 जिलों में भी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में शुक्रवार से तीन दिनों के लिए मानसून की रफ्तार धीमी होने के आसार जताए गए हैं. ट्रफ लाइन जो जोधपुर और शेखावाटी से होकर गुजरने वाली थी. इसका रास्ता बदल गया है. यह ट्रफ लाइन अब दक्षिणी राजस्थान से गुजर रही है.

जो मानसून की टर्फ लाइन पहले मध्य राजस्थान से गुजर रही थी. वह अब हिमालय की तरफ चली गई है. अब यह है दक्षिणी राजस्थान के ऊपर से होकर गुजर रही है. ट्रफ लाइन में हुए इस बदलाव के कारण है प्रदेश में भारी बारिश की गतिविधियां कमी आने के आसार जताए गए हैं. भरतपुर संभाग के कई जिलों में बारिश होने का पूरा अनुमान जताया गया है.

राजस्थान में मानसून की गतिविधियां कम होने से अब अन्य कई हिस्सों में हल्की बारिश होने का अनुमान है. 12 जुलाई और 13 जुलाई को मानसून की रफ्तार कमजोर रहने के आसार बताए गए हैं. जिसके चलते प्रदेश के कुछ ही भागों में हल्की बारिश होने का अनुमान है.

कई स्थानों पर अच्छी बारिश

प्रदेश में पिछले दिनों कई स्थानों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई थी. बारिश होने के बाद किसान अब ट्रैक्टर लेकर खेतों की तरफ सुबह ही निकल जाते हैं और दिन भर ग्वार की बुवाई में व्यस्त नजर आ रहे हैं. प्रदेश के धोरों में तपती गर्मी के बीच नागौर में बारिश होने के बाद किसान खेतों की तरफ फसलों की तैयारी में जुटे हुए हैं. प्रदेश में बड़े पैमाने पर ग्वार की बुवाई की जाती है. इस बार हुई बारिश से ग्वार की फसल अच्छी होने की संभावना बनी हुई है.

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