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एक कमरे से MBA पास किसान कमा रहा हैं लाखों, नौकरी छोड़ किया खेती का फैसला

मशरूम की सब्जी खाने में बहुत ज्यादा स्वादिष्ट व लजीज होती है। अधिकांश लोग इसे खाना पसंद करते हैं। मशरूम में बहुत से प्रोटीन, खनिज, डाइटरी फाइबर, विटामिन B1, विटामिनB2, विटामिनB12, विटामिनC और विटामिनE होते हैं।

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MBA pass farmer is earning lakhs from one room, decided to leave job and take up farming

Saral Kisan - मशरूम की सब्जी खाने में बहुत ज्यादा स्वादिष्ट व लजीज होती है। अधिकांश लोग इसे खाना पसंद करते हैं। मशरूम में बहुत से प्रोटीन, खनिज, डाइटरी फाइबर, विटामिन B1, विटामिनB2, विटामिनB12, विटामिनC और विटामिनE होते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से किसी व्यक्ति को पोषक तत्वों की कमी नहीं होती। यही कारण है कि मशरूम की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसकी खेती करने वाले लोग भी बढ़ रहे हैं। अब बिहार और झारखंड में किसान पारंपरिक फसलों के अलावा मशरूम भी उगा रहे हैं। उन्हें इससे अच्छी कमाई होती है।

आज हम झारखंड के एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे जो मशरूम की खेती से अपना जीवन बदल भी गया। अब वे मशरूम उगाकर प्रति माह हजारों रुपये कमाई कर रहे हैं। देवाशीष कुमार नामक किसान मशरूम पैदावार भी करता है। वे जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम जिले में रहते हैं। उन्हें डेढ़ कट्ठे जमीन पर मशरूम की खेती करने से महीने में पच्चीस से छह सौ रुपये मिलते हैं। खास बात यह है कि देवाशीष कुमार ने अपना व्यवसाय सिर्फ 1 हजार रुपये से शुरू किया था।

HDFC बैंक में कार्यरत थे

दरअसल, देवाशीष कुमार एबीए की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। 2015 से पहले वे HDFC Bank में काम करते थे। इसी समय बिहार के समस्तीपुर में स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में उनका प्रवेश हुआ। यहीं पर उन्हें मशरूम खेती का ज्ञान मिला। बाद में उन्होंने मशरूम की खेती करने का अभ्यास किया। फिर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और घर आकर एक हजार रुपये का निवेश करके मशरुम की खेती शुरू की। हालाँकि घरवालों ने शुरू में उनके इस निर्णय का काफी विरोध किया, लेकिन वे अपने काम में लगे रहे।

मशरुम पैदावार में भी ट्रेनिंग दी जाती है

देवाशीष कुमार का गांव एक बड़ा घर है। घर के चार कमरों में वे मशरुम की खेती कर रहे हैं। पहली बार में ही वे सफल रहे। मशरूम का पैदावार भी अच्छा हुआ, जिससे उन्हें अच्छी कमाई हुई। देवाशीष कुमार ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज भी उन्होंने अपनी खेती में दो महिलाओं को निरंतर नौकरी दी है। विशेष बात यह है कि देवाशीष मशरुम पैदावार की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।

इन किस्मों की खेती

देवाशीष कहते हैं कि चारों कमरे लगभग डेढ़ कट्ठे जमीन के बराबर हैं। गर्मी के मौसम में कमरे का तापमान कम करने के लिए जमीन पर तीन इंच बालू डाल दें। फिर उसके ऊपर बार-बार पानी डालते रहते हैं। इससे कमरे का तापमान नियंत्रित किया जा सकता है। देवाशीष अक्सर मिल्की मशरूम, ऑएस्टर, पैडी स्ट्रॉ और क्लाऊड मशरूम का पैदावार करते हैं। और मशरुम पाउडर बनाते हैं। वेंडर्स आते हैं और सारा मशरुम खरीदते हैं। सर्दियों में चार कमरों की जगह छह कमरों में मशरुम की खेती की जाती है।

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