Mango price: दुनिया का सबसे महंगा आम, कीमत जान उड़ जाएंगे होश
Saral Kisan - अलग देश में अलग-अलग किस्म का आम उगाया जाता है। गुणवत्ता के आधार पर सभी आमों का रेट अलग होता है। खाने का स्वाद भी अलग होता है। यदि कोई अपनी खटास के लिए प्रसिद्ध है तो कोई अपनी मिठास के लिए। यही कारण है कि एक आम सिर्फ अचार बनाने में प्रयोग किया जाता है, जबकि दूसरा फ्रूटी, जूस, आइसक्रीम और जैम बनाता है।
इसलिए भारत में लंगड़ा, चौसा, दशहरी, जरदालू और अल्फोंस सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। इनमें से सबसे महंगा अल्फोंस बहुत आम है। दर्जन में यह 1200 से 2000 रुपये तक बिकता है। लेकिन अल्फोंस सबसे महंगा आम नहीं है। जापान में यह बहुत महंगा होता है, जिसकी कीमत आपको हैरान कर देगी। भारत भी अब दुनिया में सबसे महंगे आम की खेती बनने लगा है।
इन देशों में खेती की जाती है
टाइयो नो टमैगो जापानी आम का नाम है। इसकी खेती जापान के मियाजाकी शहर में होती है। यह विश्व में सबसे महंगा आम है। लेकिन अब इसे बांग्लादेश, फिलीपींस और थाईलैंड में उत्पादित किया जाता है। यह एक प्रकार का इरविन आम है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में उगाए जाने वाले पीले पेलिकन आम से अलग है। मध्य प्रदेश में एक किसान ने "टाइयो नो टमैगो" की खेती शुरू की है।
350 ग्राम तक वजन वाले फलों
‘टाइयो नो टमैगो’ के पेड़ पर अप्रैल में छोटे-छोटे फल लगते हैं, लेकिन अगस्त में आम फल प्राकृतिक रूप से पक जाते हैं। फल का औसत वजन 350 ग्राम है। 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलोग्राम अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत है। 15 प्रतिशत चीनी इसमें होती है। इसलिए शुगर वाले लोग भी इस आम को खा सकते हैं।
इसमें पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड और बीटा-कैरोटीन भी होते हैं
‘टाइयो नो टमैगो’ में एंटीऑक्सिडेंट बहुत हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड और बीटा-कैरोटीन भी होते हैं, जो शरीर की थकान को कम करते हैं और आंखों की रोशनी को सुधारते हैं। जानकारों का कहना है कि इसके सेवन से निकट दृष्टि से कोई दोष नहीं होता। एक रिपोर्ट के अनुसार, 70 के दशक के अंत और 80 के दशक की शुरुआत में मियाज़ाकी में टाइयो नो टमैगो का उत्पादन शुरू हुआ था। मियाज़ाकी के किसानों को इस आम की खेती करने में इस शहर के गर्म मौसम, लंबी धूप और भारी बारिश ने मदद की।
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