10-10 के सिक्कों की बोरियां भरके 6 लाख की कार लेने शोरूम पहुंचा शख्स, बताई ये वजह
Saral Kisan : आज के समय में लोगों को नोट रखना काफी पसंद है. लोग सिक्के लेने और उन्हें रखने में हिचकिचाते हैं. लेकिन कोयंबटूर से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई जिसकी खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल एक शख्स 10 रुपये के ढेर सारे सिक्के लेकर 6 लाख की कार खरीदने के शोरूम में पहुंच गया. सबसे अजीब बात तो यह थी कि गाड़ी खरीदने के लिए उसके पास 6 लाख रुपये की रकम सिर्फ 10 रुपये के सिक्के के रूप में थी.
वायरल घटना तमिलनाडु के धर्मपुरी की है. 10 रुपये के सिक्कों से कार खरीदने वाले शख्स का नाम वेत्रिवेल है और वह अरूर का रहने वाला है. शख्स जब 10 रुपये के सिक्कों से भरे बोरे के साथ शोरूम पहुंचा तो वहां के कर्मचारियों के होश उड़ गए. वेत्रिवेल ने ऐसा करने के पीछे लोगों को कारण भी बताया.
इस वजह से इकट्ठे हुए इतने सिक्के
वेत्रिवेल ने कहा कि वह एक स्कूल और मेडिकल स्टोर चलाता है और उसकी मां भी एक छोटी सी दुकान चलाती हैं. शख्स ने बताया कि जितने लोग भी दुकान पर आते हैं तो उनमें से कई लोग 10-10 रुपये के सिक्के से खरीदारी करते हैं लेकिन जब ग्राहकों को छुट्टे के तौर पर 10 रुपये के सिक्के लौटाए जाते हैं तो वह लेने से इनकार कर देते हैं. वेत्रिवेल ने कहा कि इसी वजह से उसके पास इतने सारे सिक्के इकट्ठे हो गए.
बैंक ने भी सिक्के बदलने से कर दिया इनकार
वेत्रिवेल ने बताया कि वह इन सिक्कों को लेकर बैंक भी गया था लेकिन बैंक ने इन सिक्कों को यह कहते हुए बदलने से मना कर दिया कि इन्हें गिनने के लिए उनके पास कर्मचारी नहीं हैं. वेत्रिवेल ने कहा कि उनके पड़ोस में कई सारे बच्चे 10-10 रुपये के सिक्कों से खेलते रहते हैं. उन्होंने उन बच्चों से पूछा कि वे सिक्कों से क्यों खेलते हैं तो इस पर बच्चों ने कहा कि उनके माता पिता ने ये सिक्के दिए हैं क्योंकि यह किसी काम के नहीं हैं.
शोरूम मालिक ने पहले कर दिया था इनकार
वेत्रिवेल ने करीब एक महीने तक 10 रुपये के सिक्के इकट्ठे किए और इसके बाद वह कार खरीदने शो रूम पहुंच गए. वेत्रिवेल ने पहले कार पसंद किया और फिर शोरूम मामलि को पेमेंट सिक्के में देने की बात कही. शोरूम मालिक ने पहले तो इनकार किया लेकिन बाद में वह मान गया.
वेत्रिवेल ने कहा कि वह गाड़ियों में सिक्के भरकर शोरूम पहुंचा था. कार खरीदने के लिए जैसे ही उसने सिक्के की बोरियां खोली वहां मौजूद हर कर्मचारी हैरान रह गया. वेत्रिवेल ने कहा कि ऐसा करके मैं यह दिखाना चाहता था कि 10 रुपये के सिक्के बेकार नहीं हैं.
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