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उत्तर प्रदेश में अब से घर बनाने के नियमों में बड़े बदलाव, 17.5 मीटर ऊंचे निर्माण कार्य को मिल जाएगी मंजूरी

UP News : अब सरकार इसीलिए चाहती है कि सड़कों के स्थान पर घरों में गाड़ियां खड़ी की जाएं, जिससे जाम के साथ लोगों को अन्य असुविधाओं का सामना न करना पड़े। पाकिंग की व्यवस्था करने पर भवन की अधिकतम ऊंचाई 17.5 मीटर करने की सुविधा नक्शा पास करते समय दी जाएगी
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From now on, major changes in the rules of building houses in Uttar Pradesh, construction work up to 17.5 meters high will get approval.

Saral Kisan ( नई दिल्ली ) : प्रदेश सरकार 500 वर्ग मीटर से कम भूखंड पर बनने वाले बड़े मकानों में भी पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य करने जा रही है। ऐसी जमीनों पर ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की व्यवस्था करने पर अतिरिक्त ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्रों में विकसित होने वाली कालोनियों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी योजना के तहत अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। इसके लिए भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में संशोधन संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट से मंगलवार को पास कराने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने को कैबिनेट बैठक बुलाई है। बैठक में आवास विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाई जाएगी। उत्तर प्रदेश भवन निर्माण एवं विकास उपविधि वर्ष 2008 में तैयार की गई थी। जरूरत के आधार पर समय-समय पर इसे संशोधित किया जाता रहा है। प्रदेश में पार्किंग एक बड़ी समस्या है। घरों में पार्किंग के लिए स्थान आरक्षित न कर लोग सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करते हैं।

अब सरकार इसीलिए चाहती है कि सड़कों के स्थान पर घरों में गाड़ियां खड़ी की जाएं, जिससे जाम के साथ लोगों को अन्य असुविधाओं का सामना न करना पड़े। पाकिंग की व्यवस्था करने पर भवन की अधिकतम ऊंचाई 17.5 मीटर करने की सुविधा नक्शा पास करते समय दी जाएगी। इसके साथ ही आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र देने और क्रय योग्य फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) अतिरिक्त देने की सुविधा देने की तैयारी है।

भविष्य में होने वाले आवासीय और व्यवसायिक अपार्टमेंट में ई-चार्जिंग की सुविधा को अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे इनमें रहने वालों को वहीं पर ही गाड़ियां चार्ज करने की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही सेफ सिटी योजना के तहत महिलों की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सरकारी व निजी क्षेत्रों में बसने वाली हाउसिंग सोसायटियों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरा आदि लगाना अनिवार्य किया जा रहा है।

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