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मध्य प्रदेश के महू जिले में बिजली कनेक्शन रहेगा प्रीपेड, सौ फीसदी स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा

Mahu News :बिजली आपूर्ति के मामले में महू तहसील प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहां बिजली की प्री-पैड व्यवस्था होगी। बिजली कंपनी यहां शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर चुकी है। अब दूसरे चरण में यहां प्री-पेड बिजली व्यवस्था का प्रावधान भी शुरू किया जा रहा है।
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मध्य प्रदेश के महू जिले में बिजली कनेक्शन रहेगा प्रीपेड, सौ फीसदी स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा

Mahu News : बिजली आपूर्ति के मामले में महू तहसील प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहां बिजली की प्री-पैड व्यवस्था होगी। बिजली कंपनी यहां शत-प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर चुकी है। अब दूसरे चरण में यहां प्री-पेड बिजली व्यवस्था का प्रावधान भी शुरू किया जा रहा है। बिजली कंपनी की आईटी सेल ने इसका प्रस्ताव बनाकर विद्युत प्रदाय आयोग को भेज दिया है। नियामक आयोग इस पर सुनवाई कर आदेश जारी करेगा। मॉडल सफल रहा तो इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है। 

नया कनेक्शन लेने वाले भी प्री-पेड व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं। नियमित कनेक्शन की तरह प्री-पेड में भी एडवांस लिया जाएगा। इसके बाद बिजली रिचार्ज के अलग-अलग स्लैब होंगे। जैसे मोबाइल का प्री-पेड सिम खरीदते हैं तो हर कॉल के बाद पैसे कटते हैं, ऐसा ही बिजली कनेक्शन में भी होगा। प्रतिदिन जितनी बिजली खपत होगी, उतनी ही प्री-पेड खाते से कटेगी। बाकायदा रिचार्ज पूरा होने पर उपभोक्ता के अधिकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस मैसेज और सोशल मीडिया पर भी मैसेज आएगा।

बिजली बचत का बड़ा जरिया बनेगा

प्री-पेड कनेक्शन लेने से बिजली की काफी बचत होगी। अभी पोस्टपेड व्यवस्था के कारण लोग बिजली बचाने के प्रति उतने जागरूक नहीं हैं। घर में एक स्विच ऑन रहता है, जिससे कोई उपकरण न चलने पर भी बिजली की खपत होती रहती है। प्री-पेड कनेक्शन लेने के बाद लोग महीने भर रिचार्ज चालू रखने के लिए बिजली का उपयोग सीमित कर देंगे।

बिजली चोरी के मामले कम हुए

शहर में चार लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगने के बाद चोरी के मामले कम हुए हैं। स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ होते ही कंट्रोल रूम को अलर्ट मिल जाता है। जोन का अमला सीधे उस घर में जांच के लिए पहुंचता है। इसके अलावा तारों की जगह केबल डाली गई है। बखिया उधेड़कर चोरी करने का चलन भी शत-प्रतिशत बंद हो गया है। अभी चोरी के ज्यादातर मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं। इसमें सिंचाई कनेक्शन लेने की बजाय लाइन से चोरी करके सिंचाई की जा रही है।

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