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MP में व्हाट्सएप और ई-मेल पर मिलेगा कोर्ट का समन, बनेगा ऑनलाइन वारंट भेजने वाला देश का पहला राज्य

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश ने पुलिस और न्याय प्रणाली में सुधार करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार ने एक नए कानून को स्वीकृति दी है. कोर्ट में वक्त की बचत और सुनवाई में देरी को कम करने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है। देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बनने वाला है. 

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MP में व्हाट्सएप और ई-मेल पर मिलेगा कोर्ट का समन, बनेगा ऑनलाइन वारंट भेजने वाला देश का पहला राज्य 

MP News : मध्य प्रदेश ने पुलिस और न्याय प्रणाली में सुधार करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मध्य प्रदेश में नए कानून के तहत अब अदालतें सामान्य वारंट ऑनलाइन माध्यम से जारी कर सकेंगी. ऑनलाइन समन तामील कराने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। इसके तहत अदालतों द्वारा डिजिटल तरीके से भेजे जाने वाले समन-वारंट को पुलिस द्वारा संबंधित आरोपी, शिकायतकर्ता या गवाह को इसी रूप में तामील कराया जाएगा। 

नए कानून को मंजूरी 

राज्य सरकार ने नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत इसके नियम बना लिए हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत एक नए कानून को मंजूरी दी है, जिसके तहत अदालतें अब समन और वारंट को डिजिटल माध्यम से जारी करेंगी. सूत्रों का कहना है कि सरकार ने सोमवार को इसे मंजूरी भी दे दी। अब अधिसूचना के बाद जल्द ही ये नियम पूरे प्रदेश में लागू हो जाएंगे। 10 जिलों से शुरू हुई सुनवाई सभी 63 पुलिस इकाइयों में हुई है। 

व्हाट्सएप और ई-मेल पर मिलेगा कोर्ट का वारंट

व्हाट्सएप और ई-मेल पर भी समन वारंट तामील कराने के नियम बनाए जा रहे हैं। यानी इन माध्यमों से भेजे गए समन भी तामील माने जाएंगे। इसके लिए पुणे स्थित एनआईसी-सीआईएस मुख्यालय के अधिकारी और मध्य प्रदेश पुलिस व विधि विभाग के अधिकारी आपस में संपर्क में हैं। एनआईसी-सीआईएस मुख्यालय के अधिकारी और मध्य प्रदेश पुलिस व विधि विभाग के अधिकारी के बीच 42 बैठकें हो चुकी हैं।  

मध्य प्रदेश बीएनएसएस की धारा 64 में परिभाषित समन-वारंट जारी करने/तामील करने की प्रक्रिया पर काम करने वाला पहला राज्य बन रहा है। अब तक समन-वारंट सिर्फ कागजों पर ही तामील होते रहे हैं। पुलिस पर भी इनकी तामील में लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहे हैं। एक साल पहले खंडवा में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट, - अब तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक भी अपनाएंगे फॉर्मूला। एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने बताया कि एक साल पहले खंडवा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की गई थी। अशोक नगर, शिवपुरी, गुना, दतिया के बाद पुलिस के द्वारा सभी 63 इकाइयों में भी ट्रायल शुरू करवा दिया गया है. डिजिटल फॉर्म में अब तक पुलिस को 1.29 लाख सामान वारंट अदालत के माध्यम से मिल चुके हैं.

ऑनलाइन के होगें ये लाभ 

1 -सुनवाई में देरी नहीं होगी, मैनपावर बचेगी

2 - पुलिस वर्दी पहनकर किसी के दरवाजे पर समन जारी करने नहीं पहुंचेगी।

3 - समन एसएमएस, व्हाट्सएप या ई-मेल के जरिए भी तामील होंगे।

4 - समन-वारंट न मिलने के बहाने बंद होंगे। पुलिस मैनपावर का भी कम उपयोग होता है। इससे पुलिसिंग भी मजबूत होगी।

5 - समन-वारंट तामील होने में देरी नहीं होने से सुनवाई टलेगी नहीं और जल्द फैसले होंगे।

व्हाट्सएप या ई-मेल का इस्तेमाल नहीं करने वालों को मिलेगें प्रिंट 

अब अदालतों में शिकायतकर्ता, आरोपी या गवाह का पता, ई-मेल पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है। इनके आधार पर पीडीएफ फॉर्म में समन-वारंट जारी किए जाएंगे। इन्हें संबंधित व्यक्ति को भेजा जाएगा। जो लोग व्हाट्सएप या ई-मेल का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें प्रिंटआउट दिया जाएगा।

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