मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, सेवानिवृत्ति लाभ के साथ मिलेगी अन्य सुविधा
MP News :राज्य सरकार ने पांच लाख राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) धारक अधिकारियों और कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों में बढ़ोतरी की है। इक्विटी सीमा 15 से 25 से बढ़ाकर 50% और फंड मैनेजर्स की सीमा 3 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। इसका सीधा फायदा कर्मचारी को रिटायरमेंट पर मिलेगा।
Govt Employees : राज्य सरकार ने पांच लाख राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) धारक अधिकारियों और कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों में बढ़ोतरी की है। इक्विटी सीमा 15 से 25 से बढ़ाकर 50% और फंड मैनेजर्स की सीमा 3 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। इसका सीधा फायदा कर्मचारी को रिटायरमेंट पर मिलेगा। कहा जा सकता है कि 33 साल की सेवा के बाद पेंशन 40 हजार रुपए मिलती थी, अब 60 हजार रुपए होगी और एकमुश्त 1 करोड़ रुपए मिलने पर 1.5 करोड़ रुपए मिलेंगे। फंड मैनेजर्स के चयन की व्यवस्था लागू कर दी गई है। हालांकि यह व्यवस्था बाजार जोखिम के हिसाब से होगी। इसमें बाजार जोखिम और ब्याज दरें भी प्रभावित होंगी। इसमें 2005 के बाद राज्य सेवा और 2004 के बाद अखिल भारतीय सेवा के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे।
पेंशन निदेशक जेके शर्मा ने बताया कर्मचारियों के वेतन से कटने वाली राशि का 10% और उसमें जोड़ा गया सरकार का हिस्सा 14% (यानी अगर वेतन 50 हजार रुपये है तो कर्मचारी का हिस्सा 5000 रुपये और सरकार का हिस्सा 7000 रुपये, कुल 12 हजार रुपये हर महीने की कटौती) सरकार द्वारा काटा जाएगा। पेंशन फंड विनियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के जरिए तीन फंड मैनेजरों के जरिए निवेश कराया गया। इससे कर्मचारी को रिटायरमेंट पर बेहतर लाभ मिल सकेगा।
नए निवेशकों में एसबीआई पेंशन फंड, एलआईसी फंड पेंशन और यूटीआई फंड पेंशन, एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड मैनेजर, आदित्य बिड़ला सनलाइफ पेंशन मैनेजमेंट, टाटा पेंशन मैनेजमेंट, मैक्स लाइफ पेंशन फंड मैनेजमेंट, एक्सिस पेंशन फंड मैनेजमेंट और डीएसपी पेंशन फंड मैनेजर शामिल हैं। कर्मचारियों को फंड मैनेजर चुनने और अपनी जमा राशि का 25 प्रतिशत इक्विटी में लगाने का लाभ जरूर मिलेगा। एकमुश्त राशि और पेंशन डेढ़ गुना तक हो सकती है।
कर्मचारियों को 30 फीसदी तक रिटर्न मिलेगा
3 फंड मैनेजर, एनपीएस में जमा राशि का 15 फीसदी निवेश करते थे पीएफआरडीए ने 3 फंड मैनेजर को एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई में निवेश की अनुमति दी थी। निवेशक 15 फीसदी राशि इक्विटी में निवेश करते थे। इसमें से सिर्फ 12 फीसदी ही निवेश किया जा सकता था। बाकी 82 फीसदी राशि सरकार इस्तेमाल करती थी। इस पर सामान्य दर से ब्याज मिलता था। अब 12 फंड मैनेजर, निवेश 25 फीसदी। नई व्यवस्था में कर्मचारी फंड मैनेजर चुन सकेंगे। अब 3 की जगह 12 होंगे। इक्विटी सीमा घटाकर 25 फीसदी कर दी गई है, जो 50 फीसदी तक रहेगी। इससे कर्मचारियों को 30 फीसदी तक रिटर्न मिलेगा। 50 फीसदी राशि पर सामान्य दर से ब्याज मिलेगा। रिटायरमेंट के दौरान कॉरपस फंड में एकमुश्त राशि और डेढ़ गुना तक पेंशन मिलेगी।