उत्तर प्रदेश में बनने जा रहा है गंगा एक्सप्रेसवे से भी लंबा एक्सप्रेसवे, बदल जाएगा प्रदेश में कनेक्टिविटी का पूरा सिस्टम
यूपी में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना पर लगातार काम किया जा रहा है। 2017 में सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं पर काम पूरा कराया है। वहीं, करीब आधा दर्जन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ऐसे में सबसे लंबे एक्सप्रेसवे पर चर्चा शुरू हो गई है।
UP : उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को एक्सप्रेस रफ्तार देकर विकास की गति को बढ़ाने की योजना पर लगातार काम चल रहा है। प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना पर काम चल रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार में एक्सप्रेसवे निर्माण को लगातार रफ्तार दी जा रही है। प्रदेश में अब लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण पर काम हो रहा है। रिकॉर्ड समय में इसे पूरा करने के दावे भी किए जा रहे हैं। दरअसल, यूपी में अभी सबसे लंबा एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है। गंगा एक्सप्रेसवे इससे लंबाई में अधिक होने वाला है। लेकिन, क्या वह यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कहलाएगा? अगर जवाब नहीं हो तो आपके मन में सवाल उठ सकता है कि उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कौन होगा?
यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रसेवे गोरखपुर- शामली एक्सप्रेसवे होगा। गोरखपुर शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण 35 हजार करोड़ की लागत से किया जाएगा। गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे की योजना पर अब काम शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी जा सकती है। 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का रूट मैप भी तैयार कर लिया गया है। पिछले दिनों केंद्रीय पथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दिए जाने की बात कही है। गोरखपुर- शामली एक्सप्रेसवे राज्य के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्सप्रेसवे का निर्माण कराएगा। एनएचएआई की ओर से इस योजना को अपने स्तर पर जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
यूपी में संचालित एक्सप्रेसवे:
एक्सप्रेसवे का नाम लंबाई
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340.9 किलोमीटर
आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे 302.2 किलोमीटर
यमुना एक्सप्रेसवे 165.5 किलोमीटर
इलाहाबाद बाइपास एक्सप्रेसवे 84.7 किलोमीटर
दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर
नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 24.53 किलोमीटर
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296.1 किलोमीटर
छह लेन का होगा एक्सप्रेसवे
700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा। गोरखपुर-शामली कॉरिडोर यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। एक्सप्रेसवे भारत- नेपाल सीमा के पास से होकर गुजरेगा। भारत-नेपाल सीमा के आसपास के इलाकों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने से यहां तक आसानी और तेजी से पहुंच संभव हो सकेगी। सुदूर इलााकों को प्रदेश और देश के विभिन्न इलाकों से कनेक्ट करने में यह एक्सप्रेसवे सहायक होगा। इससे चीन तक की गतिविधियों को भी कंट्रोल किया जा सकेगा।
यूपी में इन एक्सप्रेसवे का हो रहा है निर्माण:
एक्सप्रेसवे का नाम लंबाई
गोरखपुर- शामली एक्सप्रेसवे 700 किलोमीटर
गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91.35 किलोमीटर
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 212 किलोमीटर
अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे 150 किलोमीटर
लखनऊ- कानपुर एक्सप्रेसवे 62.76 किलोमीटर
लैंड हो सकेंगे जेट
एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी का भी निर्माण कराए जाने की योजना है। इस हवाई पट्टी पर जेट विमानों की लैंडिंग की सुविधा रहेगी। आपात और युद्ध जैसी स्थिति में यहां युद्धक विमान लैंड कर सकेंगे। अभी आगरा- लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जेट विमानों के लैंड करने की सुविधा है। इस प्रकार की अन्य सड़कों पर ऐसी व्यवस्था से स्थिति में बदलाव आ सकता है।
पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी की गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे गोरखपुर और शामली के साथ-साथ 22 जिले के लोगों को फायदा मिलेगा। गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे गोरखपुर से निकलने के बाद संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराईच से होते हुए लखनऊ पहुंचेगा। लखनऊ से यह एक्सप्रेसवे सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से होते हुए शामली जाएगा। इस दरम्यान यह 37 तहसीलों को टच करेगा।
ये पढ़ें : NCR में इस इलाके के लोगों को झटका, अभी नहीं चलेगी मेट्रो, सरकार ने PMO को सुझाया नया रूट