home page

NCR की तरह हूबहू उत्तर प्रदेश में तैयार होगा SCR, प्रदेश के 8 जिले होंगे शामिल, बढ़ जाएगा भूमि का रेट

एससीआर में नए कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. इसके लिए नए सिरे से सर्वे भी किया जाएगा. नए कॉरिडोर बनने से इन 8 शहरों के बीच जाम की परेशानी कम होने की उम्मीद है. प्रशासन की ओर से जो प्रस्ताव रखा गया है उसमें एससीआर का कुल एरिया 34000 वर्ग किलोमीटर है.

 | 
SCR will be prepared in Uttar Pradesh exactly like NCR, 8 districts of the state will be included, land rates will increase.

Saral Kisan ( नई दिल्ली ) उत्तर प्रदेश में स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की तैयारी चल रही है. इसका दायरा 34000 वर्ग किलोमीटर होगा. इसमें राज्य के 8 जिलों को शामिल किया जाएगा. खबरों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट 6 महीने से ठंडे बस्ते में था लेकिन एक बार फिर यह फाइल दोबारा खोली गई है. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे तौर पर नजर बनाए हुए हैं. इन आठों जिलों को मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्टेशन का एक नेटवर्क बनाकर जोड़ा जाएगा.

इन जिलों में मेट्रो और एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी दी जाएगी. इन्हीं के जरिए इन जिलों को आपस में जोड़कर यातायात को तेज किया जाएगा. हाल ही में राज्य सरकारी की इस संबंध में हुई बैठक में इस संबंध में कुछ जरूरी फैसले लिए गए हैं. खबर है कि एससीआर के काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. एससीआर के लिए मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्टेशन का प्रस्ताव अलग से तैयार किया गया है. नए शहरों को जोड़ने के लिए नए आउटर रिंग रोड, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेस वे बनाए जाएंगे. इसके अलावा मौजूदा मार्गों और मेट्रो का भी विस्तार किया जाएगा.

किसे मिलेगा लाभ?

एससीआर में नए कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. इसके लिए नए सिरे से सर्वे भी किया जाएगा. नए कॉरिडोर बनने से इन 8 शहरों के बीच जाम की परेशानी कम होने की उम्मीद है. प्रशासन की ओर से जो प्रस्ताव रखा गया है उसमें एससीआर का कुल एरिया 34000 वर्ग किलोमीटर है. इसमें लखनऊ और कानपुर सबसे बड़ा क्षेत्र होंगे. एक अधिकारी का कहना है कि इस परियोजना में अब तेजी देखने को मिल सकती है.

कौन-कौन से शहर जोड़े जाएंगे?

यूपी के एससीआर में लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर तथा हरदोई को शामिल किया जाएगा. इन 8 शहरों की जनसंख्या लगभग 2.9 करोड़ रुपये है. गौरतलब है कि एससीआर बनने के बाद इन इलाकों में कंपनियों के दफ्तर और फैक्ट्रियों की संख्या बढ़ सकती है. इससे नए रिहायशी इलाके भी डेवलप होंगे. नतीजतन, इन इलाकों में जमीन के रेट और ऊपर जा सकते हैं.

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश में यहां बनाया जा रहा देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे, लक्ष्य 550 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन

Latest News

Featured

You May Like