छोड़ दिया ब्रिटेन में 72 लाख का पैकेज, अब करता हैं जैविक खेती, कारण जानकार हो जायेगे भावुक!
नागौर के बेटे ने कलयुग के श्रवण कुमार का उदाहरण दिया है। नागौर का बेटा ब्रिटेन में एप्पल कंपनी में 72 लाख रुपये के पैकेज पर काम करता था, लेकिन मां-बाप से बात करने के लिए सिर्फ फोन था।
Saral Kisan - नागौर के बेटे ने कलयुग के श्रवण कुमार का उदाहरण दिया है। नागौर का बेटा ब्रिटेन में एप्पल कंपनी में 72 लाख रुपये के पैकेज पर काम करता था, लेकिन मां-बाप से बात करने के लिए सिर्फ फोन था। वह भी ब्रिटेन से भारत आया जब कोरोना ने दुनिया भर में हाहाकार मचा दिया। भारत आकर बेटे ने देखा कि उसके मां-बाप बिना सेवा के कैसे जीते हैं। उनके पास बेटे का सहारा नहीं है जब उन्हें सेवा की जरूरत है। यही कारण था कि वह सालाना 72 लाख रुपये का पैकेज छोड़कर मां-बाप की सेवा करने वापस नागौर आ गया और जैविक खेती शुरू कर दी। उनका कहना था कि बाजरा, गेंहू, जीरा, कपास और कई तरह की घेरलू सब्जी उगाते हैं, जिससे सालाना 15 लाख रुपये की कमाई होती है और साथ में मां-बाप की सेवा भी होती है।
मनीष कुमार शर्मा नागौर में रहते हैं और उनका पुश्तैनी घर भी वहीं है। मनीष की प्राथमिक शिक्षा नागौर शहर के राजकीय कांकरिया स्कूल में हुई। मनीष ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर से BBA और CAS का तीन वर्षीय कोर्स किया। बाद में उसने सीएएस की नौकरी छोड़ी और यूके की कार्डियक यूनिवर्सिटी से एमएससी और एचडी किया। बाद में मनीष शर्मा ने एप्पल और एम कंपनी में काम किया।
इतना बड़ा प्रस्ताव आखिरकार क्यों ठुकरा दिया गया?
जब मनीष से इस पैकेज को ठुकराने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पैसे काफी कमा सकते हैं, लेकिन मां-बाप की सेवा करने का फिर से मौका नहीं मिलता। उनका कहना था कि मैं ब्रिटेन में काम करता था, जहां सरकार मां-बाप को एक साथ रहने की अनुमति नहीं देती थी। मैं अपने माता-पिता के साथ रहना चाहता था। वह भी ब्रिटेन से भारत आए और अपने मां-बाप की सेवा करने लगे जब कोरोनावायरस महामारी ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया। साथ ही, उन्होंने अपने सौ बीघा जमीन पर जैविक खेती करनी शुरू कर दी। पिछले एक वर्ष में वह जैविक खेती से १५ लाख रुपये कमा चुका है।
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