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उत्तर प्रदेश में 87 गांवों से ली जाएगी जमीन, 3 जिलों को नए शहर निर्माण से मिलेगा बड़ा फायदा

New Noida Master Plan 2024 : नया नोएडा को बसाने के लिए ज़मीन लेने वाले अधिकारियों के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती खड़ी हो गई है। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर के अधिकारी भूमि अधिग्रहण पर लगातार विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने ऐसा प्रस्ताव बनाने की कोशिश की है जो किसानों को जमीन देने पर सहमत करेगा। नए नोएडा का निवेश क्षेत्र (DNR) दादरी-नोएडा-गाजियाबाद है।
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उत्तर प्रदेश में 87 गांवों से ली जाएगी जमीन, 3 जिलों को नए शहर निर्माण से मिलेगा बड़ा फायदा

Uttar Pradesh : इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास उत्तर प्रदेश में तेजी से हो रहा है, और अब तीन जिलों में 87 गांवों की लगभग 21,000 हेक्टेयर जमीन पर नए शहर बनाने की योजना बनाई गई है। नया नोएडा बनाने के लिए 87 गांवों से लगभग 21000 हेक्टेयर जमीन मिलनी चाहिए। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में महंगाई दर का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने पहले ही एक हजार रुपये का बजट मंजूर कर दिया था।

जमीन अधिग्रहण

नया नोएडा को बसाने के लिए ज़मीन लेने वाले अधिकारियों के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती खड़ी हो गई है। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर के अधिकारी भूमि अधिग्रहण पर लगातार विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने ऐसा प्रस्ताव बनाने की कोशिश की है जो किसानों को जमीन देने पर सहमत करेगा। नए नोएडा का निवेश क्षेत्र (DNR) दादरी-नोएडा-गाजियाबाद है।

87 गांवों से लगभग 21 हजार हेक्टेयर जमीन ली जानी है

नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अधिग्रहण की मुआवजे की दरों को निर्धारित करते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत होने की उम्मीद है। यह निवेश क्षेत्र, जिसमें कई औद्योगिक इकाइयां बनाई जाएंगी, राज्य सरकार का सपना है। यहां 87 गांवों से 21 हजार हेक्टेयर जमीन लेनी होगी। जमीन अधिग्रहण अधिकारियों के लिए पहली बड़ी परीक्षा है। सरकार कोशिश कर रही है कि बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के किसानों को बिना किसी विवाद के जमीन मिल सके। किसान अभी भी धरने पर हैं और अधिग्रहण को लेकर हजारों मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं।

ऐसे में, अधिकारी नहीं चाहते कि किसानों को नए नोएडा में बसाने के लिए जमीन पर विवाद हो। बुलंदशहर विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले के प्राधिकरणों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी किसानों के मुआवजे की दरों को तय करने के लिए बैठकें की हैं। प्रारंभिक दरों का निर्धारण नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में किया जाएगा। किसानों को बोर्ड द्वारा निर्धारित दरों पर जमीन दी जाएगी। जमीन का अधिग्रहण जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में शुरू होने की योजना है।

किसानों से समझौता करके ही जमीन लेने की कोशिश

अधिकारियों की कोशिश रहेगी कि किसानों से समझौता करके ही जमीन ली जाए। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि किसानों को मुआवजे के साथ ही विकसित जमीन का पांच प्रतिशत आवंटन पत्र मिलेगा। ग्रामवासियों और विकसित क्षेत्रों के बीच सीमा विवाद को स्थायी रूप से हल करने के लिए, गांव की पेरिफेरल रोड बनाने के लिए पहले से 100 से 200 मीटर जमीन छोड़ दी जाएगी।

किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए नोएडा की तर्ज पर मुआवजा

मुआवजा राशि निर्धारित करना भी प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। सिकंदराबाद क्षेत्र के इन गांवों में प्रति वर्ग मीटर मुआवजा 800 से 1700 रुपये है, जबकि नोएडा में 5400 रुपये है। यहां के किसान नोएडा की तरह मुआवजा चाहते हैं, लेकिन प्रशासन नहीं चाहता। नोएडा नगरपालिका का कहना है कि शहर विकसित हो गया है। इसलिए, यहां अधिक धन है। यहां समान राशि का मुआवजा देना असंभव है। ऐसे में मुआवजा राशि पर सहमति बनाना कठिन होगा।

चार जोन में बसाया जाएगा

नए नोएडा का मूल लक्ष्य शहर को एक स्थान पर बसाने के बजाय चार अलग जगहों पर बसाना था। विशेष निवेश क्षेत्र का क्षेत्रफल लगभग 210 वर्ग किलोमीटर होगा। दादरी और बुलंदशहर के 87 गांवों में नया नोएडा बनाया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र में एक व्यापार हब होगा। 2041 तक नया नोएडा पूरा हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा में शिक्षा के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे में स्थानीय निवासियों को दूर नहीं जाना होगा। 1 हजार 662 हेक्टेयर जमीन कॉलेजों को मिलेगी।

तीन अलग-अलग तरह की सड़कें बनाई जाएंगी

शहर को अधिक कनेक्टिविटी देने के लिए तीन तरह के सड़क जाल बिछाए जाएंगे। डीएनजीआईआर में कॉलेज को उद्योग से जोड़ने के लिए तीन तरीके होंगे। 40.68 किलोमीटर लंबी पहली आर्टियल रोड का निर्माण होगा। तीसरी सेक्टर रोड 126.09 किमी की होगी, जबकि दूसरी सब आर्टियल रोड 98.34 किमी की होगी। करीब 130 मीटर चौड़ी ग्रिड रोड से यह सड़क नेटवर्क नए नोएडा के बीच से गुजरेगा। यह रास्ता दादरी से खुर्जा जाता है।

जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण चुनौती है

तीन जिलों के 87 गांवों के किसानों को संतुष्ट करने के लिए 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है

नोएडा प्राधिकरण पर है नए निवेश क्षेत्र को विकसित करने की जिम्मेदारी

नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अधिग्रहण की तैयारी कर रहे तीन जिलों के अधिकारी पहला प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।

21 हजार एकड़ जमीन पर बसाना है

नया नोएडा 200,911.29 हेक्टेयर या 2009.11 वर्ग किलोमीटर में बनाया जाएगा। इस शिक्षण कार्यक्रम को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। 2023 से 27 तक 3,165 हेक्टेयर का विस्तार करना लक्ष्य है। 2027 से 2032 तक 3798 एकड़ क्षेत्र को इसी तरह बनाया जाएगा। 2032-37 और 2037-41 तक, प्राधिकरण ने फिर से 5908 हेक्टेयर और 8230 हेक्टेयर जमीन के विकास की योजना बनाई।

लाखों लोग भाग जाएंगे

यहां व्यापार, पीएसपी संस्थान, फैसिलिटी/उद्योग, वाटरबॉडी, ट्रैफिक और परिवहन भी होंगे। लगभग छह लाख लोग इसमें रहते हैं। 3.5 लाख लोग इससे प्रभावित होंगे। इनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी उपकरण बनाए जाएंगे। इसके अलावा, दो हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर आवासीय क्षेत्र भी होगा।

नोएडा प्राधिकरण को बसाना

29 अगस्त 2017 को शासन ने डीएनजीआईआर नामक विशेष निवेश क्षेत्र बनाया था। यूपीसीडा को पहले इसकी जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इसे बाद में बदल दिया गया। 29 जनवरी 2021 को सरकार ने इस क्षेत्र को बसाने का काम नोएडा प्राधिकरण को सौंप दिया।

शिकागो इंडस्ट्रियल हब की तरह पहचान बनाएगा

शिकागो औद्योगिक हब सड़क, रेलवे और हवाई मार्गों से जुड़ा हुआ है। निवेशकों को बेहतरीन विकल्प मिलते हैं। डीएनजीआईआर भी सामरिक क्षमता है।

यह हावड़ा-बुलंदशहर रेलवे लाइन और जीटी रोड के मध्य में है।

दादरी से मुम्बई पश्चिमी डिजिटल फ्रेट कॉरिडोर है।

उत्तरी डिजिटल फ्रेट कॉरिडोर, लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा।

खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक बनाया जाएगा। यह पश्चिमी और उत्तरी कारीडोर को एकजुट करेगा।

जेवर एयरपोर्ट माल और हवाई सेवाओं के लिए उपयुक्त है।

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