MP के इस बहुत बड़े रिंग रोड़ के लिए 96 गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण
MP News : एमपी के इस रिंग रोड़ के लिए 96 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. खरीद बिक्री पर लगाई रोक।
MP News : तीन हजार करोड़ रुपयों से अधिक की लागत से बनने वाली 108 किलोमीटर के रिंग रोड के लिए जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है। अधिग्रहण में 96 गांवों की 496 हैक्टेयर भूमि ली जाना है। जिन गांवों के चिन्हित खसरों की जानकारी भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से जारी होती जा रही है, उन गांवों में जमीनों की खरीदी-ब्रिक्री का काम फिर शुरू हो चुका है। लेकिन, जहां के खसरों की जानकारी एनएचएआई की ओर से साझा नहीं की की गई है वहां रजिस्ट्री पर अब भी राेक लगी हुई है।
एनएचएआई ने शुरूआत में 96 गांवों की सूची जारी की थी और वहां की जमीनों की खरीदी और बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। कुछ दिनों बाद ही 79 गांवों की अधिग्रहीत भूमियों के खसरे जारी कर दिए गए थे। इस वजह से शेष जमीनों पर के क्रय-विक्रय पर लगी रोक हट गई थी। इसके बाद से ठंडे बस्ते में पड़े 17 गांवों के खसरों की जानकारी एनएचएआई द्वारा अब तक साझा नहीं की गई है, जिसके चलते इन गांवों की जमीनों के खरीदने-बेचने पर अभी भी रोक लगी हुई है। पंजीयन विभाग के जिम्मेदारों ने बताया कि इस संबंध में उनकी ओर से एक मार्च को भी एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेश बांझल को पत्र लिखा गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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इन गांवों में लगी है रोक
एनएचएआई ने जिन 17 गांवों के खसरे जारी नहीं किए हैं उनमें रांझी तहसील के कटियाघाट, तिलहारी, परसवाड़ा, पनागर तहसील के खिरिया, इंद्रा, कलगौड़ी, पिपरिया, जबलपुर तहसील के जुनवानी, परतला, महगवां, रिछाई, कुंडम तहसील के लहुकरी, महगवां, किवलारी, बिल्हा और शहपुरा तहसील के भीटा व बिलखरवा शामिल हैं।
आमजन परेशान, राजस्व की हानि
इस वजह से जहां आम आदमी उपरोक्त गांवों में जमीनों की खरीदी-बिक्री नहीं कर पा रहा है, वहीं इसकी वजह से शासन को पंजीयन की स्टाम्प ड्यूटी के माध्यम से मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है। सत्र समाप्त होने को तीन सप्ताह ही बचे हैं, ऐसे में मामला तीन हफ्ते और अटक गया तो पंजीयन विभाग को इस साल के राजस्व आंकड़ों में करोड़ाें का नुकसान हो जाएगा।
चार हिस्सों में होना है काम
रिंग रोड का काम दो चरणों में होगा। इन दोनों चरणों के चार पैकेजों के लिए 496.088 हैक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया गया था। इसके अधिग्रहण पर 205 करोड़ रुपयों से अधिक की राशि का भुगतान किया जाना प्रस्तावित है। एनएचएआई द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार जबलपुर, रांझी, पनागर, पाटन, शहपुरा और कुंडम तहसील के गांवों के खसरों की सूची जारी कर दी गई है।
इसके तहत पहले पैकेज में कुल 15.928 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है जिसकी लागत 6 करोड़ 84 लाख होगी, दूसरे पैकेज में 110.154 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा जिस पर 34 करोड़ 7 लाख की लागत आएगी। तीसरे पैकेज के लिए कुल 227.634 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है जिस पर 110 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च होंगे। जबकि चौथे पैकेज के लिए कुल 142.472 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो रहा है, जिस पर 53 करोड़ 19 लाख की लागत आ रही है
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