उत्तरप्रदेश के इस जिले में 5 गांवों की जमीन 4 गुणा ज्यादा रेट पर होगी अधिग्रहण, बनेगी रिंग रोड
UP News : उत्तर प्रदेश सरकार हर जिले में नए बाईपास व सड़क परियोजनाओं को रफ्तार दे रही हैं। रिंग रोड बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में पांच गांवों को जमीन दी जाएगी। गांव के किसानों को जमीन देने के बदले सर्किल रेट की कीमत से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाएगा। रिंग रोड बनने के बाद पांच जिलों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में यातायात सुगम होगा।

Uttar Pradesh News : यह उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण और लाभदायक पहल है। उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिहाज से यह एक और महत्वपूर्ण प्रयास माना जा सकता है। राज्य सरकार ने हर जिले में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए तेजी से नए बाईपास और सड़कों का निर्माण किया है। मेरठ में हापुड़ हाईवे से दून बाईपास तक एक रिंग रोड बनाने के लिए लगभग पंद्रह हेक्टेयर जमीन पांच गांवों से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।
जमीन की कीमत निर्धारित
भूमि की कीमतों को निर्धारित करने वाली समिति ने ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मुआवजा दरें निर्धारित की हैं। ये फैसले स्वीकृत हैं। लोहियानगर मेडा को कूड़ा निस्तारण के लिए धन देगा और निगम से जमीन लेगा। रिंग रोड को हापुड़ हाईवे से जुर्रानपुर फाटक, दिल्ली रोड और वेदव्यासपुरी से दून बाईपास तक बनाने के लिए पांच गांवों से लगभग 15 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होगी। जिलाधिकारी डा. वीके सिंह ने जमीन की कीमत निर्धारित करने के लिए एक समिति का गठन किया।
लागत का दो गुना
समिति का निर्णय अनुमोदित है। यह निर्णय लिया गया कि गूमी और जुर्रानपुर को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए सर्किल रेट की चार गुणा लागत दी जाएगी। वहीं, बुढ़ेडा जाहिदपुर, पूठा और रिठानी गांवों को नगरीय क्षेत्र में स्थानांतरित करने से उनकी लागत दो गुणा दी जाएगी। जैन नगर संपर्क मार्ग पर आशीर्वाद अस्पताल का कुछ हिस्सा स्थानांतरित किया जाएगा। उसके मलबे के लिए मुआवजा दिया जाएगा, साथ ही संबंधित जमीन भी। सर्किल दर दोगुना होगी। लोनिवि को मलबे को मुआवजा देने के लिए दो दिन में रिपोर्ट भेजना चाहिए था।
मेडा लोहिया नगर कूड़ा निस्तारण के लिए निगम से जमीन खरीदेगा
लोहिया नगर निगम ने शासन को 28 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है जिसमें कूड़े का ढेर लगाया गया है। लेकिन स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है। इसलिए प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पेश किया गया। इसके अनुसार कूड़ा निस्तारण के लिए लागत धनराशि मेडा दे देगा, उसके बदले में वहीं पर जो नगर निगम की 2900 वर्ग मीटर जमीन है, उसे मेडा को देना पड़ेगा। यही नहीं, दो साल के भीतर कूड़ा निकालना होगा। इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए नगर निगम को मेडा को कुछ समय दिया गया है।
मेडा कालोनियों में सीवर नेटवर्क पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे
मेडा ने अपनी कालोनियों में सीवर नेटवर्क का अध्ययन किया। 7.7 किमी की एक नई रेखा बिछानी पड़ी। वहीं, 3.7 किमी की चोक साफ होनी चाहिए। 12 किमी की पाइप लाइन ठीक होनी चाहिए। प्रत्येक पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे मान्यता मिली।
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