उत्तर प्रदेश के इस रिग रोड के लिए 23 गांवों की जमीन करेंगे अधिग्रहित, मुआवजे के 211 करोड़ रुपयों को मिली मंजूरी
Ring Road, संगम नगरी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना, के निर्माण के लिए जमीन के लिए 211 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसे शासन ने मंजूरी दी है। किसानों ने इस परियोजना के पहले चरण के लिए 137 हेक्टेयर जमीन दी है। इसके अलावा लगभग पचास सात हेक्टेयर सरकारी जमीन भी ली जाएगी। रिंग रोड का पहला चरण करछना तहसील के 23 गांवों में बनाया जाएगा।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
Ring Road, संगम नगरी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना, के निर्माण के लिए जमीन के लिए 211 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसे शासन ने मंजूरी दी है। किसानों ने इस परियोजना के पहले चरण के लिए 137 हेक्टेयर जमीन दी है।
इसके अलावा लगभग पचास सात हेक्टेयर सरकारी जमीन भी ली जाएगी। रिंग रोड का पहला चरण करछना तहसील के 23 गांवों में बनाया जाएगा। रिंग रोड परियोजना के पहले चरण के लिए 3100 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तय किया गया है, हालांकि पूरी परियोजना का एस्टीमेट लगभग 7000 करोड़ रुपये है।
फूलपुर क्षेत्र में 148 करोड़ मुआवजा
किसानों को करछना तहसील में 48.9 हेक्टेयर और फूलपुर में 88.8 हेक्टेयर जमीन मिली है। करछना क्षेत्र को 62 करोड़ 77 लाख रुपये और फूलपुर को 148 करोड़ 23 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए।
अब तक लगभग 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। कुल 160 करोड़ 35 लाख रुपये की मुआवजा राशि अब तक वितरित की जा चुकी है। अधिग्रहीत की जा चुकी जमीन कार्यदायी संस्था के नाम कर दी गई है। अब जल्द ही रिंग रोड का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
इन राज्यों में आवागमन में होगी आसानी
रिंग रोड से मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बुंदेलखंड के जिलों के लोगों को आवागमन काफी सहूलियत मिलेगी।
रिंग रोड परियोजना के लिए दो माह पहले तक मात्र 17 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत हो सकी थी। मगर इस दो माह के अंदर 76 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। यही नहीं मुआवजा राशि वितरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। रमेश मौर्य, भूअध्याप्ति अधिकारी
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