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उत्तर प्रदेश के इस हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू, 2 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत हुए

UP News : प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए यूपी सरकार तेजी से काम कर रही है। हाल ही में अब बलिया, सिकंदरपुर, बेल्थरारोड़ मार्ग गोरखपुर से जुड़ने वाला है। दरअसल, इस हाईवे को बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। पहले स्टेप में 2000 करोड़ रुपये पास किए गए हैं।
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Land acquisition work started for this highway of Uttar Pradesh, Rs 2 thousand crore approved

Saral Kisan, UP : उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने के लिए सरकार की ओर से सड़कों को बेहतर किया जा रहा है। इसी क्रम में अब बलिया, सिकंदरपुर, बेल्थरारोड़ मार्ग गोरखपुर से जुड़ने जा रहा है। फाजिलनगर से बलिया तक बनने वाले एनएच 727बी के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जल्द शुरू होने वाला है।

पहले स्टेप में 2000 करोड़ रुपये हुए पास

पहले स्टेप के लिए केंद्र से 2000 करोड़ मंजूर होने के बाद एनएचएआइ भूमि अधिग्रहण कार्य को रफ्तार देने में जुटी हुई है। भूमि अधिग्रहण के दस्तावेजों को विभाग ने अंतिम रूप देते हुए संबंधित तहसीलों को उपलब्ध करा दिया है। सिकंदरपुर के विभिन्न मौजों से कुल 100.8380 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 707 किसानों से 71.0091 हेक्टेयर भूमि सरकार खरीदेगी। 29.8289 हेक्टेयर भूमि सरकारी है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 7 मीटर से होगा 10 मीटर चौड़ा

प्रदेश के बेल्थरारोड तहसील के उभांव तक इसे फोरलेन और उसके बाद सिकंदरपुर तक टू-लेन पेव्ड शोल्डर बनाने का प्रस्ताव सामने आया है। इसे 10 मीटर चौड़ा किया जाएगा। तकरीबन 26 किलोमीटर लंबा यह राष्ट्रीय राजमार्ग अभी मात्र सात मीटर चौड़ा है। कहीं-कहीं इससे भी कम है। इसके अलावा फेज टू में टू में खेजुरी और सुखपुरा जैसे व्यस्ततम बाजारों को भी तोड़ फोड़ से बचाने के लिए विभाग मार्ग तलाश रहा है।

मार्च-अप्रैल से भूमि अधिग्रहण का काम होगा शुरू

हालांकि इसका डीपीआर अभी तैयार नहीं हुआ है, लेकिन विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष में इसे भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मार्च-अप्रैल से भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।

स्थाई निर्माण को बचाने का प्रयास

एनएच 727 B पर बेल्थरारोड से सिकंदरपुर तक भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव तैयार हो गया है। एनएचएआइ ने हाईवे निर्माण का जो डीपीआर तैयार किया है। उसमें घनी आबादी वाले इलाकों के स्थाई निर्माण को बचाने का प्रयास किया गया है। -देवेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम फाइनेंस एवं विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी

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