बिहार में सड़क परियोजनाएं में जमीन अधिग्रहण अब करेगा पथ निर्माण विभाग, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में आएगी तेजी
Bihar News : बिहार में यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए कई सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। लेकिन यह सड़क परियोजनाएं जमीन अधिग्रहण होने की वजह से बीच में ही अटकी हुई है. अब इसको लेकर पथ निर्माण विभाग को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Bihar Road Construction : बिहार में आवागमन आसन बनाने के लिए सड़कों के निर्माण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही है. प्रदेश में कई सड़क परियोजनाएं तो जमीन अधिग्रहण न होने की वजह से अधर में लटकी हुई है। पथ निर्माण विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सड़क निर्माण के लिए जो भी जमीन अधिग्रहण होगा वह पथ निर्माण विभाग की देखरेख में होगा। इसी को लेकर अब पथ निर्माण विभाग में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति के तौर पर सेवा ली जाएगी. इस प्रस्ताव पर विभाग अभी कार्य कर रहा है. जल्द ही इस प्रस्ताव को धरातल पर उतार दिया जाएगा.
भू अर्जन निदेशक की नियुक्ति
पिछले दिनों हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पथ निर्माण विभाग के कर्मचारियों द्वारा इस प्रस्ताव पर समिति बनी है. इस उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया की विभाग में एक भू अर्जन निदेशक की नियुक्ति की जाएगी। इसके अधीन कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस निदेशक की जिम्मेदारी होगी कि सड़क परियोजना मैं जो भी जमीन अधिग्रहण हो रही है उसकी देखरेख करें.
अगर जिलों या एजेंसियों में समन्वय का मामला आया तो इस निदेशक की ही जिम्मेदारी होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से निदेशक के लिए वरीय अधिकारी की डिमांड भी रखी जाएगी. सरकार की तरफ से उच्च स्तरीय बैठक में यह निदेशक नोडल अधिकारी के तौर पर शामिल होगा.
सड़क परियोजना में मौजूदा समय में जमीन अधिग्रहण का काम राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की देखरेख में होता है. सड़क परियोजना में कितनी जमीन का अधिग्रहण हुआ कितनी जमीन का अधिग्रहण होना बाकी है, इसकी जानकारी पथ निर्माण राजस्व विभाग से मांगा करता है. विवाह के इंजीनियर ही अभी समन्वय का दायित्व संभाल रहे हैं.
इंजीनियरों को जमीन जैसे कठिन मामले को समझने और हल करने में भी कठिनाई होती है। इसके अलावा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी या जिलास्तरीय अधिकारी इंजीनियरों के अनुरोध को तवज्जो नहीं देते हैं। जमीन अधिग्रहण में तेजी आ सकती है अगर इसका समन्वय भू-अर्जन निदेशक के स्तर से किया जाएगा।
जमीन की कमी से राज्य में कई सड़क परियोजनाओं का निर्माण या तो बाधित है या शुरू नहीं हो पा रहा है. पररिया-मोहनिया में परसुथा, कोचस और दिनारा में अतिक्रमण की समस्या है, जिससे 5.67 किलोमीटर सड़क का निर्माण बाधित हो गया है. गंगा नदी पर बन रहे शेरपुर-दिघवारा पुल का काम भी शुरू होना है, लेकिन इसके शुरुआती छोर पर ही कुछ घरों को हटाने का मामला फंस गया है।
मुंगेर-मिर्जाचौकी रोड के मुंगेर-खैरा पैकेज में आठ गांव में छह किलोमीटर सड़क का निर्माण चल रहा है, पटना-गया-डोभी रोड में भी जमीन की समस्या है, साथ ही वाराणसी-औरंगाबाद, औरंगाबाद-छोरदाहा और दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड में भी जमीन की समस्या है।