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लखीमपुर खीरी में हवाई पट्टी विस्तार के लिए शुरू हुआ जमीन अधिग्रहण

UP News : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया ने अब रफ्तार पकड़ ली है. इस एयरपोर्ट निर्माण को लेकर 265.1977 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. जिले के लोगों को एयरपोर्ट निर्माण के बाद लोगों को रोजगार के अवसर अपने जिले में ही मिल जाएंगे. 

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लखीमपुर खीरी में हवाई पट्टी विस्तार के लिए शुरू हुआ जमीन अधिग्रहण

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में मुंजहा हवाई पट्टी का विस्तार करके एयरपोर्ट का निर्माण करवाया जाना है. इस एयरपोर्ट की निर्माण प्रक्रिया ने अब तेजी पकड़ ली है. बता दे की लखीमपुर खीरी में मुंजहा हवाई पट्टी दुधवा से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है. इस जगह पर हवाई अड्डा बन जाने के बाद दुधवा आने जाने वाले पर्यटकों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। इसके अलावा व्यापार को भी ज्यादा बढ़ोतरी मिलेगी. व्यापारियों के लिए आवागमन और ज्यादा आसान होगा. 

हवाई अड्डे के लिए 655.39 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से पिछले दिनों लखीमपुर के पलिया इलाके की मुंजहा हवाई पट्टी को बड़ी सौगात मिली थी. यहां पर है हवाई अड्डे का प्रस्ताव मंजूर किया गया था. इस हवाई अड्डे के लिए 655.39 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर 72 सीटर विमान चलाने की योजना बनाई गई थी. इसका बजट भी पास हो गया है. अब इस हवाई अड्डे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है.

एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया में ग्राम गजरौरा, मुंजहा और फुलवरिया गांव के साथ सरकारी जमीन मिलाकर लगभग 265.1977 हेक्टेयर (655.30 एकड़) जमीन का अधिग्रहण शुरू भी हो गया। एयरपोर्ट विस्तारीकरण में अब तक 66 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री हो चुकी है। शासन ने एयरपोर्ट की जमीन के रजिस्ट्री के शुल्क की 2.60 करोड़ रुपये की धनराशि माफ कर दी है।

किसानों की भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया

इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए प्रशासन किसानों की भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया करवा रहा है. इसी सिलसिले के अंतर्गत 66 एकड़ जमीन के मालिक किसानों को लगभग 32 करोड़ का वाउचर बनाकर दिया गया है. जल्द से जल्द किसानों के खाते में यह राशि पहुंच जाएगी.

जमीन अधिग्रहण

हवाई पट्टी विस्तारीकरण में लगभग 339 किसानों की जमीन शामिल है। सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद किसानों ने अपने लिए अलग-अलग स्थानों पर जमीन खरीदने की खोज शुरू कर दी है। किसान दूसरे स्थान पर जमीन खरीदेंगे जब उनके खाते में धन आ जाएगा। इस के बाद नए खेत और घर बनाएंगे। IG Stamp का पत्र मिला है। दो करोड़ 60 लाख रुपये के स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान किया गया है। अब तक करीब छह-छह एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है। जमीन अधिग्रहण  के एवज में 32 करोड़ रुपये के बाउचर बनाकर भेजे गए हैं।

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