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भीषण गर्मी के चलते फीका हुआ कश्मीरी सेब का स्वाद, उत्पादन में आई गिरावट

Kashmiri Apple : इस साल कश्मीरी सेब का स्वाद फीका रहेगा। पहले भीषण गर्मी और अब कीड़ों के कारण सेब उत्पादन प्रभावित हो रहा है। गर्मी के कारण सेब छोटे होते जा रहे हैं। साथ ही रंग और स्वाद भी फीका पड़ गया है। अभी हम कह सकते हैं कि नुकसान 2-3 लाख मीट्रिक टन होगा।

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भीषण गर्मी के चलते फिका हुआ कश्मीरी सेब का स्वाद, उत्पादन पर दिखा असर

Heat Spoiled The Taste Of Kashmiri Apple : इस साल कश्मीरी सेब का स्वाद फीका रहेगा। पहले भीषण गर्मी और अब कीड़ों के कारण सेब उत्पादन प्रभावित हो रहा है। देश में कुल सेब का 75 फीसदी उत्पादन करने वाले कश्मीर में 2023 में 22 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था। इस साल उत्पादन में गिरावट अभी से दिखने लगी है। बागवानी विशेषज्ञ फारूक अहमद ने बताया, उत्पादन में 20-30 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। पहले भीषण गर्मी अब बरसात के मौसम के बागवानों के लिए विनाशकारी साबित हो रही है। 

सोपोर के सेब बागवान बशीर अहमद ने बताया, गर्मी के कारण सेब छोटे होते जा रहे हैं। साथ ही रंग और स्वाद भी फीका पड़ गया है। अभी हम कह सकते हैं कि नुकसान 2-3 लाख मीट्रिक टन होगा। फंगस, कीड़े फलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मौसम के कारण सेब में कीट, फंगस और अन्य बीमारियां लगने का खतरा रहता है। इसके चलते किसानों को कीटनाशकों का भारी छिड़काव करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। 

शोपियां के किसान अली मोहम्मद ने कहा, "हमने कीटों और बीमारियों का ऐसा असर पहले कभी नहीं देखा। दवाओं के छिड़काव के बावजूद कीट अपना कहर बरपा रहे हैं।" बागवानी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसका कुल हिस्सा करीब 9.5% है। सेब उद्योग करीब 11,000 करोड़ रुपये का है। आयात के कारण सेब के दाम नहीं बढ़े आयातित सेबों की आमद ने घरेलू कीमतों को स्थिर रखा है। 

कुछ किस्मों के दाम में 50% तक की गिरावट आई है। फल व्यापारी मोहम्मद अशरफ ने बताया, "एक तरफ फसल नुकसान के कारण हमारे पास आपूर्ति कम है। दूसरी तरफ बाजार आयातित सेबों से भरा पड़ा है। पिछले साल के हजारों टन सेब कोल्ड स्टोर में पड़े हैं।

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