Kantola Farming:इस सब्जी में औषधीय गुणों की भरपूर मात्रा होती है, इसकी खेती कर किसान कमा रहे हैं लाखों
Kantola Farming: आप भी खेती-किसानी में रुचि रखते हैं और इसके माध्यम से अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो आज हम यहां एक शानदार आईडिया पेश कर रहे हैं. कंटोला की सब्जी औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसमें मीट से 50 गुना अधिक ताकत होती है. इसमें विटामिन बी 12 से लेकर विटामिन डी, कैल्शियम, जिंक, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ऐसे में किसान कंटोला की खेती कर बंपर कमाई कर सकते हैं.
कंटोला एक छोटी कांटेदार दिखने वाली सब्जी है. इसका वैज्ञानिक नाम मोमोरडिका डायोइका (मॉमोर्डिका डिओइका) है. मुख्य रूप से भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में कंटोला की खेती होती है. इसे कंकोड़ा, कटोला, परोपा या खेख्सा के नाम से भी जाना जाता है. आम भाषा में इसका नाम वन करेला भी है.
करीब से दर्जन बीमारियों में करता है कंटोला फायदेमंद
सिरदर्द, बालों का झड़ना, कान दर्द, खांसी, पेट का संक्रमण में फायदेमंद
कंटोला खाने से बवासीर और पीलिया जैसी बीमारियों में राहत
डायबिटीज में भी बहुत फायदेमंद है.
रक्त शुगर स्तर नियंत्रण में सहायक
लकवा, सूजन, बेहोशी और आंखों की समस्या में फायदेमंद
बुखार में ककोरा का सेवन उपयुक्त
रक्तचाप और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने में सहायक
कंटोला की खेती कैसे करें
कंटोला की खेती जलाधार या खरीफ मौसम में लगाई जाती है. यह मैदानी भागों में जनवरी-फरवरी में उगाई जाती है. खरीफ वाली फसल जुलाई-अगस्त में लगाई जाती है. एक एकड़ में बोने के लिए 1-2 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली बलूई धातु मिट्टी आवश्यक है, जिसका पीएच वैल्यू 5.5-6.5 हो. खेत में दो मीटर की दूरी पर पौधे लगाना उचित है, और पौधों की दूरी 60-90 सेंटीमीटर होनी चाहिए. कंटोला की खेती से 5 टन प्रति एकड़ तक उपज हासिल की जा सकती है.