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गोरखपुर के 500 एकड़ खेतों में होगी कालानमक धान की रोपाई, किसानों की बदलेगी किस्मत

UP Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के जिलों में किसानों को मिलेगी 10 लाख प्रोत्साहन राशि, यूपी के चार किसान संगठनों ने किया सब्सिडी के लिए आवेदन, रखा 500 एकड़ जमीन में धान की खेती करने का लक्ष्य।

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गोरखपुर के 500 एकड़ खेतों में होगी कालानमक धान की रोपाई, किसानों की बदलेगी किस्मत

UP Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश के जिले गोरखपुर में कालानमक चावल में निर्यात की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। सरकार द्वार तय लक्ष्य के मुताबिक, पैदावार करने वाले किसान संगठनों को 10-10 लाख रुपये न्यूनतम प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 

गोरखपुर जिले के 4 किसान संगठनों ने कालानमक वेरायटी के धान की खेती की तैयारी शुरू कर दी है। पिपराइच, ब्रह्मपुर, गोला बाजार और गगहा के किसानों ने खेती में नया प्रयोग शुरू किया है। प्रयास पूरी तरह सफल हुआ तो जिले में पहली बार 500 एकड़ खेतों में कालानमक धान की रोपाई होगी।

कालानमक धान में निर्यात की संभावनाओं को देखते हुए जिले के किसान संगठनों ने यहां भी इसकी खेती की तैयारी शुरू की है। गांव-गांव में कालानमक की खेती करने वाले किसानों की सूची बनाई जा रही है और उन्हें गुणवत्ता युक्त बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। चार संगठनों के किसानों ने कलस्टर बनाकर इसकी खेती की तैयारी शुरू की है। उन्होंने कृषि विपणन विभाग में आवेदन भी कर दिया है। एक कलस्टर में 50 हेक्टेयर धान की खेती होगी और वे 30 प्रतिशत चावल निर्यात करेंगे तो उन्हें 10 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी। चारों संगठनों का लक्ष्य है कि वे प्रोत्साहन राशि की शर्तें पूरी कर लें।

एक लाख करोड़ रुपये है कालानमक चावल का कारोबार

नेपाल के तराई क्षेत्र सिद्धार्थनगर की जलवायु को कालानमक धान के लिए सबसे बेहतर माना जाता है, लेकिन जीआई टैगिंग में कालानमक धान के लिए गोरखपुर, बस्ती, देवी पाठन मंडल के जिलों की जलवायु को अच्छा बताया गया है। कालानमक धान की परंपरागत प्रजाति 155 से 160 दिन में तैयार होती है, जबकि शोध से ईजाद की गई नई प्रजाति 140 से 145 दिन में पैदा होती है। सिद्धार्थनगर में कालानमक धान के किसान अभिषेक सिंह ने बताया कि सिंचाई के संसाधन हों तो कालानमक धान से अच्छी आय हो सकती है। कालानमक चावल 12,000 से 15,000 रुपये क्विंटल है। कालानमक चावल का सालाना कारोबार एक लाख करोड़ रुपये का है, इसमें निर्यात व किसानों की तरक्की की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

बोले किसान

मेरे किसान उत्पादन सागठन में 800 किसान हैं। गोला और गगहा ब्लॉक में अब तक 121 एकड़ खेतों में कालानमक धान के लिए किसान तैयार हो गए हैं। किसानों की सूची बनाई जा रही है। एक ब्लॉक में 125 एकड़ धान की रोपाई का लक्ष्य है। क्षेत्र में नहर है, जबकि बिजली से संचालित पंप भी हैं।

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