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मलाई जैसी सुंदर होगी भारत की सड़के, नहीं बचेगा एक भी गड्ढा, ठेकेदारों की बढ़ेगी चिंता

देश के कुछ हिस्सों में हाईवे पर चलते समय गड्ढे और उबड़-खाबड़ सड़कों से जाम होते हैं। लेकिन, केंद्र सरकार देश के सभी हाईवे को गड्ढामुक्त बनाने की योजना बना रही है, इसलिए यह चित्र पूरी तरह से बदल जाएगा।

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India's roads will be as beautiful as cream, not a single pothole will be left, contractors will be worried

Saral Kisan - देश के कुछ हिस्सों में हाईवे पर चलते समय गड्ढे और उबड़-खाबड़ सड़कों से जाम होते हैं। लेकिन, केंद्र सरकार देश के सभी हाईवे को गड्ढामुक्त बनाने की योजना बना रही है, इसलिए यह चित्र पूरी तरह से बदल जाएगा। नेशनल हाईवे गड्ढा-मुक्त होगा, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा। इसके अलावा, सरकार सड़कों के निर्माण को लेकर एक ऐसी नीति पर काम कर रही है जिसमें ठेकेदारों को सड़क बनाने के बाद कई वर्षों तक उसकी देखभाल करनी होगी, न कि सिर्फ चलते रहना होगा।देश भर में सरकार नवीनतम एक्सप्रेसवे और हाइवे बना रही है ताकि रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाया जा सके। केंद्र सरकार भी पहले से बनाए गए हाइवे को बेहतर बनाने में लगी हुई है। इस साल के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्गों को गड्ढा-मुक्त करने की योजना बनाई जाएगी। इसके अलावा, सड़कों का निर्माण BOT के माध्यम से करना सबसे महत्वपूर्ण है।

ठेकेदारों को अधिक चिंता होगी!

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय परफॉर्मेंस बेस्ड मेंटनेंस और शॉर्ट टर्म मेंटनेंस कॉन्ट्रेक्ट्स को मजबूत बनाने में जुटा हुआ है, जिसका लक्ष्य दिसंबर के अंत तक नेशनल हाईवे को गड्ढों से मुक्त करना है।

सड़कों को अक्सर तीन तरह से बनाया जाता है। इनमें इंजीनियरिंग, EPS, हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) और "बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर" (BOT) शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘ईपीसी माध्यम से बनाई जाने वाली सड़कों के रखरखाव की जरूरत काफी पहले पड़ने लगती है। साथ ही, BOT से सड़कें बेहतर होती हैं क्योंकि ठेकेदार को अगले 15 से 20 वर्षों तक रखरखाव की लागत वहन करनी होगी। बीओटी परियोजनाओं में निजी साझेदार 20 से 30 वर्षों की अवधि में परियोजनाओं का वित्तपोषण, निर्माण और संचालन करते हैं। फिर वे टोल या शुल्क के माध्यम से अपने निवेश का भुगतान करते हैं।

राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा का अध्ययन

नितिन गडकरी ने कहा कि बारिश से राष्ट्रीय राजमार्गों को नुकसान होने और गड्ढे बनने की आशंका के कारण मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों की सेफ्टी की जांच कर रहा है। “यह सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनाई जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढों से मुक्त हों,” गडकरी ने कहा। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए युवा इंजीनियरों को शामिल किया जाएगा।

इस मौके पर सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मंत्रालय ने 1,46,000 किलोमीटर लंबे समूचे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की मैपिंग की है और इस साल दिसंबर तक गड्ढों को हटाने के लिए प्रदर्शन-आधारित रखरखाव और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंधों को सशक्त बनाया जा रहा है।

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