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द्वारका एक्सप्रेस-वे पर बनी भारत की सबसे हाईटेक टनल, दिल्ली को इस तरह ट्रैफिक से राहत

भारत की सबसे चौड़ी और आधुनिक टनल लगभग पूरी तरह से बनकर तैयार है। इस टनल के शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक जाम लगभग खत्म हो जाएगा।
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India's most hi-tech tunnel built on Dwarka Expressway, Delhi gets relief from traffic in this way

New Delhi: भारत की सबसे चौड़ी और आधुनिक टनल लगभग पूरी तरह से बनकर तैयार है। इस टनल के शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक जाम लगभग खत्म हो जाएगा। यह टनल दिल्ली से पानीपत का सफर बहुत आसान बना देगा। Dwarka Expressway पर चार किलोमीटर की इसी टनल सबसे अधिक चर्चा में है। इसे फिनिश करने का काम चल रहा है।

ये द्वारका एक्सप्रेस-वे टनल आठ लेन की हैं, जिससे एयरपोर्ट, गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका और अलीपुर तक आना-जाना आसान होगा। इस टनल की आधुनिक डिजाइन है। इस टनल में अत्याधुनिक सुविधाओं के अलावा सीसीटीवी कैमरे के लिए अलग से एक वॉर रूम भी बनाया जा रहा है। द्वारका एक्सप्रेस-वे भी लगभग बन गया है। इसे फिनिश करने का काम चल रहा है। अगले वर्ष की शुरुआत में 28 किलोमीटर लंबी द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।

पानीपत, सोनीपत या फिर सिंधु बॉर्डर से शार्टकट पूरा होने के बाद, पानीपत, सोनीपत या फिर सिंधु बॉर्डर से आने वाले लोग इस एक्सप्रेस-वे पर सीधे सिंधु बॉर्डर के निकट राइट लेकर 20 मिनट में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। 28 किलोमीटर का ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली के सिंधु बॉर्डर से अलीपुर के पास शुरू होता है और गुरुग्राम हाइवे को जोड़ता है। इस परियोजना से रिंग रोड पर लगभग चालीस से पच्चीस प्रतिशत ट्रैफिक कम होगा और गुरुग्राम आने वाले लोगों को घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।

Dwarka Expressway से दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर यशोभूमि का नजारा दिखेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी यशोभूमि का उद्घाटन किया था। विशेष रूप से, इस परियोजना में बुर्ज खलीफा से छह गुना अधिक सीमेंट और एफिल टावर से तीस गुना अधिक स्टील लगाया गया है। अब देखते हैं कि ये एक्सप्रेस-वे कैसे ट्रैफिक की समस्या को हल करेंगे।

ये विशेषताएं होंगी

—एक्सप्रेस-वे पूरा होने के बाद द्वारका से मानेसर 15 मिनट में जाएगा।

—20 मिनट में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मानेसर की दूरी तय की जा सकेगी।

– इसके अलावा, मानेसर से सिंधु बॉर्डर के बीच सिर्फ चालीस पांच मिनट का समय लगेगा। विशेष बात यह है कि इस परियोजना में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। जिसमें एक हजार पेड़ों को काटने के बजाय शिफ्ट किया गया था।

–केंद्र सरकार के कई बड़े परियोजना देश भर में चल रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में जाम को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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