देश का पहला हाइड्रोजन जलयान पंहुचा वाराणसी, सजावट और लाइटिंग का काम होगा
Varanasi News : कोच्चि शिपयार्ड में बनाया गया यह शिप पूरी तरह से हाइड्रोजन फ्यूल से चलेगा। इसमें विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक इंजन को भी रखा गया है, ताकि फ्यूल खत्म होने पर इसको दूसरे इंजन की मदद से चलाया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक अगर सब ठीक रहा तो स्वतंत्रता दिवस के दिन इसको चलाया जाएगा। इस जलयान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा 50 किलोवॉट का फ्यूल सेल है, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके बिजली तैयार करता है।

Uttar Pradesh : भारत में बना हुआ पहला हाइड्रोजन से चलने वाला पानी का जहाज वाराणसी पहुंच चुका है। रविवार की शाम को इस जहाज ने पानी के रास्ते से वाराणसी सीमा के अंदर पहुंचा। इस जलयान को काशी के 84 घाटों की श्रृंखला के अंतिम छोर पर बनाए गए नए नमों घाट और फिर बाद में वाराणसी हल्दिया वाटर हाईवे-वन के पहले मल्टी मॉडल बनारस टर्मिनल (रामनगर) पर ले जाकर वहीं खड़ा कर दिया जाएगा। यहां खड़ा करने के बाद जलियां के अंदर सजावट फॉर लाइटिंग आदि का काम किया जाएगा।
इसके पश्यति से श्रद्धालुओं के लिए काशी विश्वनाथ धाम तक की यात्रा सरल करने के लिए चलाया जाएगा। महाकुंभ के समय इस काशी से प्रयागराज के बीच भी चलाने की योजना बनाई गई है। आईडीबल्यूएआई (IWAI) के अधिकारियों के मुताबिक इस जलयान को चलाने का दायित्व पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा। जलयान का रूट और किराया पर्यटन विभाग के मुताबिक ही तय किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक अगर सब ठीक रहा तो स्वतंत्रता दिवस के दिन इसको चलाया जाएगा।
हाइड्रोजन के साथ इलेक्ट्रिक इंजन भी लगेगा
1. इंडियन वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) ने प्रदूषण रहित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके लिए हाइड्रोजन जलयान को वाराणसी से लॉन्च करने की योजना बनाई गई है।
2. कोच्चि शिपयार्ड में बनाया गया यह शिप पूरी तरह से हाइड्रोजन फ्यूल से चलेगा। इसमें विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक इंजन को भी रखा गया है, ताकि फ्यूल खत्म होने पर इसको दूसरे इंजन की मदद से चलाया जा सके।
3. कोच्चि शिपयार्ड से हाइड्रोजन जलयान को पेरियार 3 और फेसकी-2 जलयान के साथ इसको चलाया गया था, जो कि पहले समुद्री और उसके पश्चात कोलकाता से गंगा के रास्ते लंबी दूरी क्या करते हुए वाराणसी पहुँचा है।
4. इस शिव को चलाने के लिए बनारस टर्मिनल पर 500 किलोग्राम हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण जल्द किया जाएगा। इस प्लांट से सिलेंडर में हाइड्रोजन भरकर जलयान तक पहुंचाया जाएगा।
5. वाराणसी में हाइड्रोजन जलयान के सही चलने पर दूसरे शहरों में भी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।
जानिए क्या है इसमें खास
1. जलयान बिलकुल मेट्रो ट्रैन के कोच जैसा दिखता है, मगर यह बहुत ही मजबूत और हल्के प्लास्टिक से बना हुआ है।
2. इस जलयान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा 50 किलोवॉट का फ्यूल सेल है, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके बिजली तैयार करता है।
3. इस फ्यूल सेल की मदद एक बैटरी भी करती है, जोकि अलग से ऊर्जा को इकट्ठा करती है।
4. इस जलयान के लिए फ्यूल सेल एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह छोटा, हल्का और ज्यादा गर्म नहीं होता। इस छोटे फ्यूल सेल का प्रयोग कुछ करो और बसों में भी किया जाता है