रेलवे दिन में स्लीपर को बनाएगा जरनल कोच, यह है प्लान
न्यू दिल्ली - जनरल कोच अक्सर ट्रेन में देखा जाता है। अनरिजर्व्ड कोच में चढ़ने के लिए लोगों को कमर कसनी पड़ती है, जबकि स्लीपर और एसी कोच में लोग आराम से चढ़ सकते हैं। रेल मंत्रालय ने अब जोनल अथॉरिटी से कहा है कि यात्रियों को स्लीपर कोच में भी जगह दी जाए, ताकि जनरल कोच पर बोझ कम हो। 21 अगस्त को रेलवे बोर्ड ने कहा कि स्लीपर कोच में कम यात्री होने पर जनरल कोच बनाया जाएगा। खास तौर पर दिन में चलने वाली ट्रेनों में ऐसा करना चाहिए।
स्लीपर कोच में पर्यटकों की संख्या कम होने पर कोच को जनरल कोच में बदलने की सलाह दी जाएगी। रेलवे को अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा और थोड़ी दूर जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। रेलवे अधिकारी ने कहा कि जनरल क्लास के टिकट जारी किए जाते हैं जब तक ट्रेन नहीं छूटती। इसमें भी कोई सीमा नहीं है। इसलिए जनरल कोच बहुत व्यस्त है।
उनका कहना था कि हर कोच अपनी अलग क्षमता है। First AC coach में 18 से 24 बर्थ होते हैं। वर्ग AC में 48 से 54 तक, थर्ड AC में 64 से 72 तक, स्लीपर में 72 से 80 तक और जनरल कोच में 90 तक सफर करने की क्षमता है। जनरल कोच में भी 180 से अधिक यात्री अक्सर सफर करते हैं। रेलवे ने थ्री टायर AC कोचों की संख्या बढ़ा दी, जिससे जनरल कोचों में भीड़ बढ़ी है। जनरल कोच से इससे अधिक धन मिलता था।
कोरोना के बाद रेलवे ने जनसाधारण एक्सप्रेस को ही चलाया। इनमें जनरल कोच था। रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों को कारण से नुकसान हो रहा है। रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना के बाद अनरिजर्व्ड कोच को पानी के पानी और नाश्ते की सुविधा देने को भी कहा है। रास्ते में पीने के पानी और सफाई की जानकारी भी दी गई है।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि लोगों की यात्रा को आसान और आरामदायक बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। कोरोना काल में जनरल कोच को भी रिजर्वेशन की तरह टिकट मिलते थे। इन्हें दूसरी सीटिंग दी गई थी। सोशल डिस्टैंसिंग नियमों का पालन करने के लिए जनरल कोच को सीमित टिकट दिए गए। हालाँकि, जनरल टिकट अब असीमित रूप से वितरित किए जा रहे हैं, जिससे भीड़ बढ़ी है।
ये पढ़ें : Land Purchase :एक व्यक्ति कितनी अधिक खरीद सकता है जमीन, ये है नया क़ानून