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Indian Railway : भारत के इस देश तक बनेगी ये रेलवे लाइन, सरकार द्वारा जारी किए 120 अरब रुपये

Indian Railway news : भारतीय रेलवे ने एक नया कदम उठाया है। रेलवे ने एक नई रेलवे लाइन बनाने का प्रस्ताव पास किया है। इस रेलवे लाइन के लिए 120 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। 
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Indian Railway: This railway line will be built till this country of India, Rs 120 billion released by the government

Saral Kisan NEWS : भारत के पूर्वी क्षेत्र में रेलवे बुनियादी ढांचे का विकास और नवीनीकरण करने के लिए सरकार ने 120 अरब रुपये जारी किये हैं। इससे पहली भूटान-भारत रेलवे लिंक को बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार ने भारत और भूटान के बीच एक रेलवे लिंक बनाने का फैसला किया है। यह 57.5 KM लंबी रेलवे लाइन असम के कोकराझार को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी। इस परियोजना की लागत लगभग 10 अरब रुपये है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

एक महीने पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस ट्रांसफॅार्मेटिव रेलवे कनेक्शन को लेकर भारत और भूटान के बीच चल रही चर्चा का सिग्नल दिया था। उन्होंने कहा, “हम वर्तमान में भूटान और असम के बीच रेलवे लिंक के लिए बातचीत कर रहे हैं। भूटान पर्यटन के लिए और ज्यादा रास्ते खोलने को इच्छुक हैं, और इस प्रयास से असम को काफी फायदा होने का वादा किया गया है। 

असम सीमा पर गेलेफू और कोकराझार के बीच प्रस्तावित रेलवे लिंक एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो व्यापार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा देगा। रेलवे प्रोजेक्ट माल के निर्यात को सुविधाजनक बनाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सक्षम करने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के मामले में एक सफलता के रूप में काम कर सकती है"।

2018 में भूटान के पीएम की पहली भारत यात्रा के दौरान इस प्रजोक्ट को गति मिली थी। गेलेफू-कोकराझार रेल लिंक कंस्ट्रक्शन के शुरू होने से दोनों देशों के दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में और अधिक रेलवे प्रोजेक्टों का मार्ग बनने की उम्मीद है, जिसमें  फुएंतशोलिंग, नंगगलम, और समद्रुप जोंगखार जैसे इलाके भी शामिल हैं।

विशेष रूप से, भूटान और भारत ने 2005 में इस तब्दीली के नजरिये के प्रति अपनी कमिटमेंट को औपचारिक रूप दिया जब उन्होंने एक समझौता मेमो पर सिग्नेचर किए। जिससे दोनों देशों के सीमावर्ती शहरों को रेलवे नेटवर्क के जरिए जोड़ने की उन दोनों की ख्वाहिश  को मजबूत किया गया। जैसे-जैसे प्रोग्रेस के पहिए घूम रहे हैं, यह ऐतिहासिक भूटान-भारत रेलवे लिंक रियल्टी बनने के करीब पहुंच गया है, जिससे कनेक्टिविटी और हेल्प की एक नए दौर की शुरुआत हो रही है।

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